मुजफ्फरनगर -दो मंत्रियों व जनप्रतिनिधियों की नाक के नीचे मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी अपनी हठधर्मिता के कारण शिक्षकों को परेशान करने पर तुले हुए हैं। जिले के 5000 शिक्षक इस समय विभाग में भ्रष्टाचार के चलते कोई भी छोटा बड़ा काम न होने के कारण बेहद परेशान है।
यही नहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार द्वारा मुजफ्फरनगर में 500 से अधिक शिक्षकों की पुरानी पेंशन विकल्प की फाइलों को समय सीमा से शासन को ना भेजने के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आईना दिखा दिया है और 500 से अधिक शिक्षकों की पुरानी पेंशन विकल्प लटकाने का प्रयास योजना बनाकर तरीके से किया जा रहा है।
इसी को लेकर मंगलवार को देर शाम शिक्षक शिक्षिकाओं ने बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार के ऑफिस में कड़कडाती ठंड के बीच ठण्डी टाईल के फर्श पर बैठकर गांधीवादी तरीके से इस अधिकारी की कार्य प्रणाली पर रोष व्यक्त किया।
जिले में अगस्त माह से बेसिक शिक्षा अधिकारी बनकर आए संदीप कुमार का कार्यालय वैसे तो नियमों के विरुद्ध रात के 12:00 बजे तक खुलता है लेकिन शिक्षकों के काम करने के नाम पर यहां उनके पास समय नहीं है। बता दें कि यह कार्यालय देर तक खुलने के बावजूद शिक्षकों के छोटे-छोटे काम आर्थिक भ्रष्टाचार के चलते लटकाने से शिक्षकों में आक्रोश है।
यही नहीं बाकायदा इस कार्यप्रणाली का यहां के जनप्रतिनिधि और दोनों मंत्रियों को भी स्पष्ट रूप से शिक्षक अब इशारा कर रहे है। इसके बावजूद मुजफ्फरनगर का यह विभाग भ्रष्टाचार और शिक्षकों का जान पूछ कर सही काम भी नहीं करने के कारण आजकल चर्चाओं में है।
आज भारतीय किसान यूनियन शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष चौधरी राम रतन ने बताया कि 31 अक्टूबर या नवंबर के पहले सप्ताह तक 500 से अधिक शिक्षकों की पुरानी पेंशन विकल्प की फाइलें शिक्षा निदेशालय व शासन को जानी थी।लेकिन हीलाहवाली के कारण यह आज तक नहीं भेजी गई। लगातार शिक्षक गुहार लगाते रहे। लेकिन यह फाइलें व लिस्ट धूल फांक रही है। प्रतिदिन शिक्षकों व शिक्षक नेताओ से झूठ बोला जाता रहा है कि आजकल में भेज दिया जाएगा।
वही विभाग पासपोर्ट बनवाने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नही दे रहा है। हर काम पर आपत्ति लगाई जाती है। जीएफ पर लोन व अन्य छोटे-छोटे काम जो कुछ काम नही है,उनको भी बाधित कर बाबू शाही और अधिकारी कुंडली मारे बैठा है। इसी से आक्रोशित होकर शिक्षकों ने उनके कार्यालय में गांधीवादी तरीके से आंदोलन किया और हाथ जोड़कर बेसिक
शिक्षा अधिकारी से कहा कि इस कार्यालय की शहर में दो मंत्रियों के होने के बाद भी जवाब देही नही है। शिक्षकों ने करीब 3 घंटे तक बेसिक शिक्षा अधिकारी व सभी बीईओ के सामने यही कहा कि कृपया कर किस जिले को बचा ले।
धरना प्रदर्शन में बीकेयू शिक्षक प्रकोष्ठ पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष चौधरी रविंदर सिंह भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि ऑफिस की कार्य प्रणाली बेहद खराब चल रही है। इसको लेकर शीघ्र ठोस निर्णय शासन स्तर पर लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के परामर्श पर मांगी गई पुरानी पेंशन बहाली हेतु 1 अप्रैल 2004 से पूर्व नियुक्ति के विज्ञापन वाले अध्यापको व कर्मचारियों की सूची शासन द्वारा 31 अक्टूबर 2024 तक मांगी गई थी लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से वह सूची जारी नहीं की गई है, जिसको लेकर शिक्षकों ने आज जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय जनपद मुजफ्फरनगर का घेराव किया और भारी रोष व्यक्त किया।
जिला अध्यक्ष राम रतन बालियान ने शिक्षकों का नेतृत्व करते हुए उनकी बातों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व उनके सभी खंड शिक्षा अधिकारी के साथ मिलकर बात रखी और अपना दर्द बयां किया कि कोई भी कार्य बीएसए कार्यालय से इतनी देरी से क्यों होता है, प्रदेश के सभी जनपदों से सूची शासन द्वारा मांगी गई थी जिसमें अधिकतर जनपदों द्वारा सूची भेज दी गई है लेकिन जनपद मुजफ्फरनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सूची नहीं भेजे जाने पर शिक्षकों में भारी रोष है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षकों को दो दिन का समय दिया गया है और कहा गया है कि 26 दिसंबर 2024 को सूची शासन को भेज दी जाएगी, इस आश्वासन पर प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह द्वारा शिक्षकों को बताया गया यदि 2 दिन में सूची जारी नहीं होती तो शिक्षक अनिश्चित कालीन धरने के लिए मजबूर होंगे
इस अवसर पर जय गिरी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जनपद मुजफ्फरनगर, महामंत्री अमित शर्मा भारतीय किसान यूनियन शिक्षक प्रकोष्ठ,महामंत्री लोकेश वशिष्ठ राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, जिला उपाध्यक्ष रूपक राणा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,अमित तोमर ,मनीष गोयल, विवेक यादव ,अजय कुमार, रवि कुमार ,वैभव सिंगल ,शिवम शर्मा ,उमेश वर्मा, कैलाश चंद, कविंद्र कुमार ,दिनेश बालियान, संजय शर्मा संजीव ,संदीप तोमर,अमित कुमार ,विनेश कुमार ,नितिन कुमार ,अनिल कुमार आदि सैकड़ो शिक्षक उपस्थित रहे।