गाजियाबाद। साहिबाबाद के राजेंद्रनगर औद्योगिक क्षेत्र स्थित पार्क में अतिक्रमण मामले में 23 जुलाई को हुई सुनवाई का फैसला आ गया है। एनजीटी ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि 23 जुलाई को हुई सुनवाई में प्रदेश शासन के मुख्य सचिव द्वारा जो पत्र प्रस्तुत किया गया, उसमें पार्क में अतिक्रमण होना माना गया है। मुख्य सचिव ने एनजीटी में स्पष्ट किया कि ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद संबंधित भूमि का नक्शा ढूंढ लिया गया है, जहां अतिक्रमण है, इस संबंध में गाजियाबाद जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगने की बात भी कही।
राजेंद्रनगर औद्योगिक क्षेत्र स्थित पार्क में कब्जे की शिकायत पर्यावरणविद सुशील राघव ने करीब दो वर्ष पूर्व एनजीटी में इसकी शिकायत की थी। पूर्व में पार्क का नक्शा गाजियाबाद जिला प्रशासन से मांगा गया था लेकिन जिला प्रशासन रिपोर्ट नहीं दे सका था। ऐसे में अप्रैल में हुई सुनवाई के बाद यूपी शासन के मुख्य सचिव को इस संबंध में संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करने को कहा गया था। अब मुख्य सचिव द्वारा एनजीटी में जमा की गई रिपोर्ट में माना गया कि पार्क का कुल क्षेत्रफल 1,2040.2 वर्ग मीटर था। इसमें से 864.2 वर्ग मीटर जमीन पर फैक्टरी मालिक द्वारा अतिक्रमण किया गया है। वहीं, 2,864.2 वर्ग मीटर जमीन पर सड़क और कुछ मकान बना कर अतिक्रमण किया गया है।
एनजीटी में प्रकाश कुमार श्रीवास्तव और अरुण कुमार त्यागी की बैंच ने मुख्य सचिव को इस संबंध में जल्द से जल्द पार्क को अतिक्रमण मुक्त कराने को कहा है। उत्तर प्रदेश शासन ने पार्क को जल्द कब्जामुक्त कराने की बात एनजीटी में कही है।