Monday, April 28, 2025

‘मन की बात’ में पीएम ने दिया ‘विकास भी विरासत भी’ का मंत्र, अमेरिका से लौटी 300 कलाकृतियों की बताई खासियत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 114वें संस्करण में अपने अमेरिकी दौरे का जिक्र किया। उन्होंने प्राचीन कलाकृतियों के बारे में भी बताया जिन्हें पीएम को राष्ट्रपति बाइडेन ने बड़े प्यार से सौंपा था।

 

 

[irp cats=”24”]

प्रधानमंत्री ने कहा, हम सभी को अपनी विरासत पर बहुत गर्व है और मैं तो हमेशा कहता हूं ‘विकास भी-विरासत भी’। उन्होंने आगे कहा, अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने भारत को करीब 300 प्राचीन कलाकृतियों को लौटाया। पीएम ने बाइडेन के स्वागत सत्कार की प्रशंसा करते हुए कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने पूरा अपनापन दिखाते हुए डेलावेयर के अपने निजी आवास में इनमें से कुछ कलाकृतियों को मुझे दिखाया। पीएम मोदी ने कहा, लौटाई गईं कलाकृतियां में टेराकोटा, स्टोन हाथी के दांत, लकड़ी, तांबा और कांसे जैसी चीजों से बनी हुई हैं। इनमें से कई तो चार हजार साल पुरानी हैं। चार हजार साल पुरानी कलाकृतियों से लेकर 19वीं सदी तक की कलाकृतियों को अमेरिका ने वापस किया है।

 

 

इनमें फूलदान, देवी-देवताओं की टेराकोटा पट्टिकाएं, जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं के अलावा भगवान बुद्ध और भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियां भी शामिल हैं। लौटाई गईं चीजों में पशुओं की कई आकृतियां भी हैं पुरुष और महिलाओं की आकृतियों वाली जम्मू-कश्मीर की टेराकोटा टाइलें तो बेहद ही दिलचस्प हैं। इनमें कांसे से बनी भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमाएं भी हैं, जो, दक्षिण भारत की हैं। वापस की गई चीजों में बड़ी संख्या में भगवान विष्णु की तस्वीरें भी हैं। ये मुख्य रूप से उत्तर और दक्षिण भारत से जुड़ी हैं। इन कलाकृतियों को देखकर पता चलता है कि हमारे पूर्वज बारीकियों का कितना ध्यान रखते थे। कला को लेकर उनमें गजब की सूझ-बूझ थी।

 

 

इनमें से बहुत सी कलाकृतियों को तस्करी और दूसरे अवैध तरीकों से देश के बाहर ले जाया गया था। यह गंभीर अपराध है, एक तरह से यह अपनी विरासत को खत्म करने जैसा है, लेकिन मुझे इस बात की बहुत खुशी है, कि पिछले एक दशक में, ऐसी कई कलाकृतियां, और हमारी बहुत सारी प्राचीन धरोहरों की, घर वापसी हुई है। इस दिशा में, आज, भारत कई देशों के साथ मिलकर काम भी कर रहा है। मुझे विश्वास है जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं तो दुनिया भी उसका सम्मान करती है, और उसी का नतीजा है कि आज विश्व के कई देश हमारे यहां से गई हुई ऐसी कलाकृतियों को हमें वापस दे रहे हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय