मेरठ। स्वास्थ्य विभाग में तैनात लिपिक के खिलाफ धोखाधड़ी के साढ़े तीन वर्ष पुराने मुकदमे में पुलिस ने अभी तक चार्जशीट नहीं लगाई है। आरोपी लिपिक वर्तमान में बिजनौर में महत्वपूर्ण पद पर तैनात है। पुलिस के पास पुख्ता सुबूत हैं, फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
रोहटा में तैनात रहे सीएचसी प्रभारी डॉ. सुधीर कुमार ने 10 फरवरी 2020 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि कार्यालय में तैनात रहे वरिष्ठ लिपिक पूरन सिंह ने दो महिलाओं को उनके सामने पेश कर सेवानिवृत्त एएनएम हेमलता व कुसुमलता के एरियर के चेकों पर धोखाधड़ी से हस्ताक्षर कराकर तीन लाख रुपये का गबन कर लिया।
रिपोर्ट दर्ज कराने से पूर्व विभाग स्तर पर भी जांच की गई। इसमें लिपिक दोषी पाया गया था। विभागीय कार्रवाई करते हुए लिपिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। बाद में पुलिस की विवेचना चलने का हवाला देते हुए बहाल कर शामली ट्रांसफर कर दिया।
आरोपी ने कुछ माह बाद ही मामले की जांच रोहटा से जानी थाने ट्रांसफर करा ली थी। जांच ट्रांसफर हुए तीन साल बीत गए और पर्याप्त सुबूत पुलिस के पास हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। तीन साल में कई विवेचक बदल चुके हैं। किसी ने भी इस मुकदमे में चार्जशीट नहीं लगाई। हाल ही में लिपिक का ट्रांसफर शामली से बिजनौर हो गया है।
आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले डॉ. सुधीर कुमार इस समय मेरठ में एसीएमओ हैं। कई बार विवेचक से मिलकर चार्जशीट लगाने की गुहार लगा चुका हूं।