मेरठ। पुरा महादेव में 11 कुंडलीय महायज्ञ का आयोजन पूर्व राज्यमंत्री सुनील भराला ने किया। इस दौरान उन्होंने अपने परिवार के साथ महायज्ञ में आहुति दी। पूर्व राज्यमंत्री सुनील भराला ने कहा कि यहां भगवान परशुराम जी की तपोभूमि है।
भगवान परशुराम जी की तपोभूमि पुरा महादेव में 11 कुंडलीय महायज्ञ में आसपास के गांवों के लोगों ने भी भाग लिया। सुनील भराला ने कहा कि प्रथम बार भगवान श्री परशुराम जी की तपोभूमि पुरा महादेव में प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत उनकी मूर्ति स्थापित कर वहां महायज्ञ का आयोजन कर इस भूमि का पूरा शुद्धिकरण किया गया। महायज्ञ के उपरांत एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया और प्रसाद वितरण किया गया।
इस कार्यक्रम के उपरांत महासम्मेलन में पंडित सुनील भराला, पूर्व राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार व संस्थापक राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने कहा कि यहां भगवान परशुराम की तपोभूमि है और उनकी तपस्या के उपरांत भगवान श्री परशुराम यहां संकल्पित है। कहा कि स्वयंभु उत्पन्न हुए और यहां सिद्धि, तप और ज्ञान की प्राप्ति होती है और इस ज्ञान की प्राप्ति पर यहां स्वयंभु भगवान शंकर जी ने भी दर्शन दिए थे। यह पीठ इसी कारण से भगवान परशुराम जी के नाम से नहीं परशुराम महादेव के नाम से जानी गई।
उन्होंने बताया कि यहां के महंत पूज्य महंत ऋषि मुनि महाराज एवं मनीष महाराज के द्वारा किए गए लंबे संघर्ष के उपरांत उल्टे पलटे खेड़ा को स्थापित करने का काम किया। आज यहां परशुराम धाम के रूप में यह पृथ्वी देखी जा रही है। राष्ट्रीय परशुराम परिषद के तत्वावधान में कार्यक्रम के आयोजन की सफलता के लिए सुनील भराला ने सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी।