मुजफ्फरनगर- भारतीय जनता पार्टी के राज में अभी तक तो केवल यही सुनने को मिलता था कि पुलिस प्रशासन के अधिकारी, भाजपा नेताओं को सम्मान नहीं दे रहे, उनकी सिफारिश नहीं सुन रहे हैं और उनके साथ कई जगह अभद्र व्यवहार भी कर रहे हैं, लेकिन लगता है कि यह असर अब जिले के हर विभाग में दिखने लगा है।
अपने भ्रष्टाचार के लिए बदनाम बिजली विभाग भी अब भाजपा नेताओं को आंखें दिखाने लगा है और उनकी बिजली तक भी काटने लगा है। प्रदेश में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, तब से भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं के साथ मुजफ्फरनगर में अभद्र व्यवहार की खबरें आती रही हैं। शहर कोतवाली में राम कुमार सहरावत, सिविल लाइन में शरद कपूर, नई मंडी में वैभव त्यागी और केशव झांब,पुरकाजी में मनोज मोघा समेत महावीर चौक पर संघ पदाधिकारी के साथ भी पुलिस दुर्व्यवहार कर चुकी है।
इसके अलावा भी जिले में इस तरह की लगातार शिकायतें मिलती रही हैं कि पुलिस प्रशासन के लोग अपनी ही सरकार में भारतीय जनता पार्टी के जनप्रनिधियों और नेताओ को यथोचित सम्मान नहीं दे रहे हैं और ना ही उनकी सुनवाई कर रहे हैं,
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ऐसा लगता है कि खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलने लगा है ,पुलिस प्रशासन जो कर रहा है वैसा ही व्यवहार अन्य विभागों में भी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ होने लगा है।
ताजा उदाहरण बिजली विभाग से जुड़ा हुआ है, जिसमें केवल ₹30000 के बकाया पर जिले के एक बड़े भाजपा नेता का बिजली कनेक्शन बिजली विभाग ने काट दिया है। मुजफ्फरनगर में ही सैकड़ों और विद्युत उपभोक्ता हैं जिन पर लाखों रुपए तक बकाया है लेकिन उनकी बिजली, बिजली विभाग आसानी से नहीं काटता है लेकिन केवल ₹30000 के बकाया पर बिजली विभाग ने मुजफ्फरनगर शहर में भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता की बिजली काट दी और वह कई सिफारिश करने के बाद भी नहीं जोड़ी गई ,बिजली तब वापस शुरू की गई, जब बीजेपी नेता ने एक साथ पूरा भुगतान जमा करा दिया है।
जिन भाजपा नेता की बिजली काटी गई है, वह भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता है और कई प्रमुख पद पर रह चुके हैं। निकाय हाल ही में हुए निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कई वार्डों में यह भाजपा नेता, सभासद का टिकट दिलाने के लिए भी चर्चाओं में रहे है।