चरथावल। शुगर मिलों के देहात क्षेत्रों से आने वाले गन्ने से भरे ओवरलोड ट्रकों का सड़कों पर राज हो रहा है। गन्ने के ओवरलोड ट्रक घनी आबादी से गुजरते हैं, जिस कारण कभी भी बड़ा हादसा घट सकता है। इस मामले से जिम्मेदार अफसर आंखे मूंदे हुए हैं, जबकि थानों और अनेकों पुलिस चौकियों के सामने से गन्नों से भरे ओवरलोड ट्रक गुजरते हैं।
तितावी, खाईखेड़ी व देवबंद द्वारा क्षेत्र में बनाए गये तौल केन्द्रों पर एकत्र होने वाले गन्ने को ट्रकों द्वारा मंगाया जाता है। गन्ना क्रय केंद्रों से ट्रकों को ओवरलोड कर दिया जाता है। यह ओवरलोड ट्रक सड़कों पर चलते डोलते नजर आते हैं। घुमाव वाले रास्ते पर इनके पलट जाने का खतरा अधिक बना रहता है। इन दिनों सड़कों पर गन्ने से भरे ओवरलोड वाहन यमदूत बनकर दौड़ रहे हैं।
इससे न सिर्फ हादसों का अंदेशा है, बल्कि यह जगह-जगह जाम का कारण भी बन रहे हैं। राहगीरों के लिए खतरा बने यह वाहन बेरोकटोक दिन भर सड़कों पर सरपट दौड़ रहे हैं। मिल प्रबंधन और प्रशासन इससे अंजान है। बिरालसी, दूधली, पीपलशाह, अकबरगढ़, न्यामू, गुनियाजुड़ी, कान्हाहेड़ी, चौकडा, कसौली, कुटेसरा, नंगलाराई, कुल्हेड़ी, चरथावल, निर्धना, लुहारीखुर्द, कसियारा, बधाई कलां, घिस्सूखेड़ा, दहचन्द आदि क्षेत्र के अनेक गांवों में स्थित तौलकेन्द्रों से गन्ने से ओवरलोड वाहन आते हैं।
ट्रकों और ट्रालो में 250 से 300 कुंतल तक गन्ना भरा होता है, जबकि नियमानुसार 150 कुंतल गन्ना भरा होना चाहिये। ओवरलोड वाहन, अनेक थानों और पुलिस चौकियों के सामने से गुजरते हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। राहगीर इनकी चपेट में आकर कई बार अपनी जान जोखिम डाल चुके है। दुर्घटना होने के बाद ही प्रशासन जागता है।