Saturday, May 18, 2024

मुज़फ्फरनगर में छात्रों को सिखाई आपदा से बचाव की बारीकी, फायर विभाग ने की मॉकड्रिल

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मुजफ्फरनगर। राजकीय इण्टर कालेज में स्कूली बच्चों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें प्रशिक्षकों ने बच्चों को आपदाओं से संबन्धित जानकारियां बारीकी के साथ दी। इस दौरान फायर विभाग द्वारा मॉकड्रिल भी की गई, जिसमें आग लगने पर आग को बुझाने के विभिन्न तरीके बताये गये, इसके अलावा आपदा के दौरान घायल लोगों को रेस्क्यू करके भी दिखाया गया।

अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) गजेन्द्र कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा प्रबन्धन एक बहुत रोचक विषय है। यह ऐसा विषय है, जिसकी जानकारी होने पर न केवल अपनी जान बचा सकते हैं, बल्कि अन्य लोगों की भी जान को बचाया जा सकता है। आपदा प्रबन्धन से आपदाओं के दौरान होने वाले भारी नुकसान को कम किया जा सकता है।

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उन्होंने कहा कि बहुत मौतें जानकारी के अभाव में होती हैं, यदि सही जानकारी हो जाये, तो मौतों की संख्या कम हो सकती हैं, जिसके लिए जागरूकता जरूरी है। उन्होंने सांप काटने का उदाहरण देते हुए बताया कि 85 प्रतिशत सांप जहरीले नहीं होते, केवल 15 प्रतिशत ही सांप जहरीले होते हैं। सांप के काटने पर अक्सर हार्ट अटैक से मौत होती है। यदि सांप के काटने पर यह पहचान हो जाये कि उसे जहरीले सांप ने काटा है या फिर बिना जहर के सांप ने, तो उपचार में भी आसानी हो जाती है और बेवजह किसी की जान नहीं जाती है।

उत्तर प्रदेश आपदा प्रबन्धन विभाग की मास्टर ट्रेनर शीजा खानम ने बच्चों को विभिन्न आपदाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किस आपदा के आने पर क्या करना चाहिए। उन्होंने आपदा चक्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आपदा प्रबन्धन में आपदा चक्र का महत्वपूर्ण रोल होता है, जिसके चलते यह तय होता है कि आपदा से पूर्व क्या करना है, आपदा के समय क्या करना है और आपदा के बाद क्या करना है। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं व मानव जनित सभी आपदाओं को विस्तार से समझाया।

राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य शैलेन्द्र कुमार त्यागी ने संबोधित करते हुए बच्चों को बताया कि आकाशीय बिजली कैसे बनती है और फिर यह कैसे जमीन पर उतरती है। इससे किस तरह के नुकसान हो सकते हैं और इससे कैसे बचा  जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने अग्नि के बारे में विस्तार से बच्चों को समझाया। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के आने पर घबराना नहीं चाहिए और उसका डटकर हौंसले के साथ मुकाबला करना चाहिए, क्योंकि घबराने से ज्यादा नुकसान हो सकता है। इस दौरान बच्चों व शिक्षकों को आपदा प्रबन्धन से संबन्धित पुस्तकें व चार्ट वितरित किये गये। इस दौरान राजकीय इंटर कालेज के शिक्षक सोहनपाल, अनिल कुमार, आकांक्षा, नीतू, रजित यादव, गीता रानी, पूनम मित्तल, सुप्रिया त्यागी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

मॉकड्रिल में बच्चों ने दिखाया उत्साह-राजकीय इंटर कालेज में आपदा प्रबन्धन की ट्रेनिंग के दौरान अग्निशमन दल द्वारा बच्चों को आपदाओं के दौरान बचाव की मॉकड्रिल करके दिखाई गई, जिसमें बच्चों ने काफी उत्साह दिखाया।

एफएसओ रामकिशोर यादव ने मॉकड्रिल के दौरान आग को लेकर बच्चों को काफी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आग लगने के लिए तीन चीजों जिनमें ईंधन, ऑक्सीजन व ताप की आवश्यकता होती है, जब तीनों चीजें मिल जाती हैं, तभी आग लगती है, यदि इस ट्राईएंगल को तोड़ दिया जाये, तो आग खुद बुझ जाती है। उन्होंने इस दौरान सिलेंडर में लगी आग को विभिन्न तरीकों से बुझाकर भी दिखाया, इसके अलावा कूड़े के ढेर में लगी आग को अग्नि यंत्र से बुझाकर दिखाया। रामकिशोर यादव ने दुर्घटना के दौरान घायल लोगों को कैसे रेस्क्यू किया जाता है, इसके लिए भी मॉकड्रिल की। बच्चों में मॉकड्रिल को लेकर काफी उत्साह रहा।

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