नरेन्द्रनगर, टिहरी| ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन निर्माण का कार्य इन दिनों युद्ध स्तर पर जारी है। टनल निर्माण में किये जा रहे हैवी ब्लास्टिंग के कारण नरेन्द्रनगर विकासखंड के गांव, अटाली, बल्दियाखान व कौडियाला क्षेत्र में मकान चौक व खेत-खलिहानों में भारी दरारें आ गयी हैं। पेयजल स्रोत सूखने के कगार पर पहुंच गये हैं।
ब्लास्टिंग के कारण चौड़ी हो रही मकानों की दरारें देख ग्रामीण दहशत में हैं। अक्सर रात को टनल निर्माण में हो रहे ब्लास्टिंग से मकानों के हिलने के कारण दहशतजदा ग्रामीण रात को बाहर निकल पड़ते हैं।
टनल निर्माण से पानी के स्रोत भी बेहद पतले पड़ते व सूखते जा रहे हैं। सर ढकाने को मकान व प्यास बुझाने को पेयजल जैसे भारी संकट को देखते हुए, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन व आरबीएनएल अधिकारियों को वर्ष 2021 से लगातार समस्याओं से अवगत कराया, मुआवजा से लेकर विस्थापन की मांग की, मगर ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।
आखिरकार गुस्साए ग्रामीणों ने मकानों, खेतों का मुआवजा दिलाये जाने के साथ विस्थापन की मांग को लेकर 3 अप्रैल से टनल पर काम रुकवाने के साथ मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया, सरकार व शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। हड़ताल की सूचना पाते ही प्रशासन, पुलिस व आरबीएनएल के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गये।
एडीएम के के मिश्रा, उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी, रेल विकास निगम के अपर महाप्रबंधक विजय डंगवाल, डीजीएम भूपेंद्र सिँह, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता नरेश पाल सिंह से पीड़ित ग्रामीणों की कई घंटों तक वार्ता चली नतीजा न निकलने पर अधिकारियों ने अपने से उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी कि आखिर मामले का कैसे हल निकाला जाय।
उधर आरवीएनएल के गेट पर धरना दे रहे ग्रामीणों का कहना था कि वे तब तक नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, मामले की गंभीरता को समझते हुए व ग्रामीणों की मांगों पर अड़े रहने के कारण अधिकारियों के पसीने छूटते नजर आये। देर सायं तक अधिकारियों व पीड़ित ग्रामीणों के बीच वार्ताओं का दौर जारी रहा।