हमीरपुर- भूमि विकास बैंक के एक लाख तक के बकायेदार किसानों से पहली मर्तबा जाति के आधार पर अलग अलग ब्याज वसूलेगा। बैंक पिछड़ी जाति व अनुसूचित जाति के किसानों से केवल छह फीसदी जबकि सामान्य
जाति के किसानो को 11 फीसदी ब्याज वसूलेगा। शासन ने इस बैंक में ओटीएस योजना को समाप्त कर दिया है, जिससे ऋण लेने वालों को जबरदस्त झटका लगा है।
भूमि विकास बैंक के चित्रकूटधाम मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक(आरएम) महेश कुमार ने गुरुवार को बताया कि चित्रकूटधाम मंडल में 125 करोड रुपये ऋण वसूली बकायेदार किसानो से करना है। शासन समय समय पर ओटीएस( वन टाइम
सेटलमेंट) योजना लागू कर देती थी जिससे किसानों को ऋण अदायगी में काफी राहत मिलती थी मगर इस साल से यह योजना भी सरकार ने केवल इस बैंक से खत्म कर दी है जिससे न केवल किसानोे को समस्या आ रही बल्कि बैंक को भी ऋण वसूली में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि शासन ने पहली बार एक लाख के किसानों में सामान्य जाति के किसानों को 11 फीसदी व पिछड़ी व अनुसूचित जाति के किसानो को केवल छह फीसदी व्याज देने के आदेश कर दिये है। आरएम का कहना है कि जातीय समीकरण अपना कर ऋण वसूली में छूट देना पाॅलिसी मैटर है।
उन्होने बताया कि चित्रकूटधाम मंडल में सबसे ज्यादा ऋण बकाया हमीरपुर जिले का है। हमीरपुर जिले मे 91.98 लाख, महोबा में 36.27 लाख, बांदा में 43.78 लाख, चित्रकूट जिले में 39.87 लाख रुपये बकाया है।
आरएम ने बताया कि पिछले साल हमीरपुर जिले की वसूली चार फीसदी थी। इस साल हमीरपुर जिले की वसूली 3.29 फीसदी है। उनका मानना है कि भूमि विकास बैंक की वसूली पूरे मंडल में बहुत पीछे है। समय समय पर बैंक प्रबंधकों को आवश्यक निर्देश दिये जाते है ,कार्रवाई भी की जाती है।