वाराणसी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजेंन्द्र नगर में कोचिंग हादसे के बाद मंगलवार को यहां वीडीए ने नगर के अलग-अलग क्षेत्रों में इमारतों के बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटरों में छापेमारी की। इससे कोचिंग सेंटरों के संचालकों में हड़कम्प मच गया। वीडीए दल ने भवन में नक्शे में खामियां, कोचिंग सेंटरों में पार्किंग नहीं होने पर दस कोचिंग सेंटरों के प्रबंधकों को नोटिस जारी किया। वहीं, जहां पर बेसमेंट में क्लास रूम चल रहे थे वहां तत्काल उसे सील किया गया।
भेलूपुर वीडीए जोनल अधिकारी के अनुसार शासन के आदेश पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जहां बेसमेंट में कोचिंग चल रही है, वहां छापेमारी की जा रही है। ऐसे कोचिंग सेंटरों को सील किया जा रहा है। ऐसे दो कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया गया।
वीडीए की टीम सबसे पहले महमूरगंज स्थित फीट-जी और कैट-जी कोचिंग पहुंची। जहां जांच में बेसमेंट को देखने के बाद टीम ने भवन की मैपिंग की। जांच के लिए नोटिस जारी कर कोचिंग संचालक को कागजात के साथ वीडीए बुलाया। टीम रविंद्रपुरी स्थित डिजाइन स्क्वायर कोचिंग सेंटर पहुंची। यहां कोचिंग बेसमेंट में संचालित हो रही थी। वीडीए की टीम ने कोचिंग प्रबंधन से कागजात मांगा, जिसे न दिखाने पर कोचिंग को सीज कर दिया गया। इसी तरह वीडीए टीम जोनल अधिकारी प्रमोद तिवारी के नेतृत्व में रविंद्रपुरी स्थित रक्षक कोचिंग सेंटर पहुंची। यहां बेसमेंट में कक्षाओं का संचालन देख उसे सीज कर दिया।
वीडीए सचिव वीपी मिश्रा ने पत्रकारों को बताया कि यह कार्रवाई आज से शुरू हुई है और हम वाराणसी के सभी जोन में संचालित कोचिंग सेंटर में जाएंगे। बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग या स्टोर रूम के लिए होता है। यदि नियम विरुद्ध कुछ भी संचालित होगा तो कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि हमने जिन-जिन संस्थानों में कार्रवाई की है, यदि कोई सील तोड़कर अन्य कार्य में इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर कड़ी कार्रवाई होगी।
गौरतलब हो कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई। इस घटना ने देश को झकझोर दिया है। इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार भी सतर्क है। यूपी में अब किसी और काम के लिए स्वीकृत बेसमेंट को दूसरे प्रयोग पर कार्रवाई होगी। सरकार के आदेश के बाद बिना स्वीकृति के बने बेसमेंट के इस्तेमाल पर अब एक्शन लिया जा रहा है। बेसमेंट के निरीक्षण के लिए प्राधिकरण स्तर पर टीमें गठित होंगी।