कोलकाता| देर शाम पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) के रूप में राजीव सिन्हा के ज्वाइनिंग लेटर को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय उन्हें और संबंधित फाइलों को राज्य सचिवालय को वापस भेज दिया।
राजभवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान हिंसक झड़प की खबरों पर चर्चा के लिए 17 जून को राज्यपाल के भेजे समन का सम्मान करने से सिन्हा के इनकार पर कड़ी आपत्ति जताई है।
सिन्हा ने नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया की पृष्ठभूमि में अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण राज्यपाल के पास पहुंचने में असमर्थता के बारे में राजभवन को सूचित किया था।
अब जब राज्यपाल ने सिन्हा के ज्वाइनिंग लेटर और संबंधित फाइलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और उन्हें राज्य सचिवालय में वापस भेज दिया, तो अनिश्चितता इस बात को लेकर है कि क्या सिन्हा अंतत: एसईसी की कुर्सी पर बने रह पाएंगे।
यदि उन्हें बदलने की जरूरत पड़ी तो इस बात की पूरी संभावना है कि पंचायत चुनाव स्थगित करने पड़ेंगे।
संयोग से, कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम ने बुधवार को सिन्हा को सलाह दी थी कि अगर वह अपने पद का दबाव नहीं झेल पा रहे हैं तो वह कुर्सी छोड़ दें। न्यायमूर्ति शिवगणनम ने कहा, उस मामले में राज्यपाल कुर्सी के लिए किसी और को नियुक्त करेंगे। डिवीजन बेंच ने अभूतपूर्व शब्दों में राज्य चुनाव आयोग की भी आलोचना की और यहां तक कि पोल पैनल की तटस्थता पर भी सवाल उठाया।