Sunday, March 30, 2025

वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कृषकों की आय एवं कृषि उत्पादन में हुई बढ़ोत्तरी

शामली। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि है। प्रदेश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कृषि और किसानों को दी जा रही सुविधाओं का ही परिणाम है कि आधुनिक तकनीकों के उपयोग से उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। इससे प्रदेश खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनते हुए “आवश्यकता से आधिक्य” की ओर बढ़ रहा है।

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गत 08 वर्षों में कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। प्रदेश में कृषि विकास दर जो 2016-17 में 8.6 प्रतिशत थी, वह 2023-24 में बढ़कर 13.7 प्रतिशत हो गई है। उत्तर प्रदेश में 09 क्लाइमेटिक ज़ोन हैं, जिनमें 187.70 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है। उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां कुल भूमि का 76 प्रतिशत कृषि कार्य हेतु उपयोग किया जाता है।

प्रदेश में 86 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि सिंचित है। सरकार द्वारा बीज, खाद, सिंचाई और कृषि उपकरणों की सुविधाएं देने से खाद्यान्न उत्पादन 2016-17 में 557 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 669 लाख मीट्रिक टन हो गया है। खाद्यान्न उत्पादकता भी 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 31 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई है।

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गत 08 वर्षों में प्रति वर्ष 400 लाख टन फल और सब्जियों के उत्पादन के साथ उत्तर प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। तिलहन उत्पादन में भी किसानों द्वारा बेहतर बीजों के उपयोग से उत्पादकता बढ़ी है। 2016-17 में तिलहन उत्पादन 12.40 लाख मीट्रिक टन था, जो 2023-24 में 128% वृद्धि के साथ 28.31 लाख मीट्रिक टन हो गया है। इस उपलब्धि के लिए भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को सम्मानित किया गया है।

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कृषि विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम (यूपी एग्रीस) – यह योजना पूर्वांचल के 21 और बुंदेलखंड के 7 जिलों को प्रत्यक्ष लाभ प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना – इसके तहत किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक 2.86 करोड़ किसानों को ₹80,000 करोड़ से अधिक की राशि हस्तांतरित की गई है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना – 14 सितंबर 2019 से लागू इस योजना के अंतर्गत अब तक 1.63 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना – 58.07 लाख किसानों को ₹47,535.09 करोड़ की फसल क्षतिपूर्ति प्रदान की गई है।
पी.एम. कुसुम योजना – प्रदेश में अब तक 76,189 से अधिक किसानों को सोलर पंप आवंटित किए गए हैं।
पी.एम. किसान मानधन योजना – 2.52 लाख किसानों को लाभार्थी कार्ड वितरित किए गए हैं।

प्रदेश में किसानों को खाद, बीज और कृषि यंत्र एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए 6,608 एग्री जंक्शन (वन-स्टॉप शॉप) स्थापित किए गए हैं। पिछले 08 वर्षों में ₹8,78,192.23 करोड़ का फसली ऋण वितरित किया गया है। ड्रोन तकनीक का उपयोग बढ़ाने के लिए एफ.पी.ओ. और कृषि स्नातकों को 40-50% अनुदान दिया जा रहा है।

सरकार रासायनिक खादों के स्थान पर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश के 49 जिलों में 85,710 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है। बुंदेलखंड में 23,500 हेक्टेयर भूमि में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती अपनाई गई है।

2024-25 में 66 लाख क्विंटल गुणवत्ता युक्त बीज वितरित किए गए।
95 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरित किए गए।
8.30 लाख से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं।
पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना लागू की गई है।

उत्तर प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के सतत विकास के लिए नवाचार, आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य कृषि क्षेत्र को और अधिक मजबूत बनाकर किसानों की आय दोगुनी करना है।

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