कोलकाता- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘इंडिया समूह’ पर संविधान में संशोधन करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और विपक्ष को चुनौती दी कि वह लिखित में यह सुनिश्चित करने के लिए सामने आए कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण कम नहीं होगा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग (एससी/एसटी/ओबीसी) का आरक्षण समाप्त नहीं होगा और संविधान में बदलाव नहीं होगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवारों के समर्थन में दुर्गापुर, कृष्णानगर और बोलपुर में लगातार तीन चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि संविधान भारत में धर्म आधारित आरक्षण पर रोक लगाता है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने भी इसका समर्थन किया था।
श्री मोदी ने हालाँकि एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों को आरक्षण का अधिकार प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन करने के प्रयास के लिए कांग्रेस की आलोचना की, इस कदम पर कर्नाटक में विरोध का सामना करना पड़ा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने के लिए लिखित आश्वासन की आवश्यकता है कि ओबीसी का आरक्षण कम नहीं किया जाएगा, एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण रद्द नहीं किया जाएगा और संविधान अपरिवर्तित रहेगा, जिसके लिए कांग्रेस ने पिछले दस दिनों से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वाम दल और तृणमूल कांग्रेस भी इस मुद्दे पर चुप हैं।” उन्होंने कहा, ये तृणमूल-वाम दल और कांग्रेस वाले क्या कर रहे हैं? वे कहते हैं कि वे डंडे से मोदी का सिर तोड़ देंगे… वे कहते हैं कि मोदी को गोली मार दो… लेकिन मैं दृढ़ हूं। जितना अधिक वे मुझसे नफरत करेंगे, उतना अधिक मैं अपने देशवासियों की सेवा करूंगा।”
उन्होंने ने कहा, “मौजूदा राजनीतिक खेल में शामिल सभी परिवार, जिनमें कांग्रेस राजघराना, तृणमूल और वामपंथी परिवार शामिल हैं, चुप रहकर मोदी की वोट जिहाद याचिका का मौन समर्थन कर रहे हैं। मुझ पर हमला करने से देशवासियों की सेवा करने की मेरी भावना और बढ़ गई है, क्योंकि पूरे भारत में मेरे 140 करोड़ लोगों को छोड़कर मुझे किसी भी तरह का खतरा नहीं है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं आप सबका प्यार देख कर धन्य हो गया हूं। जितना मैंने सोचा था, उससे कहीं अधिक प्यार मिला। यदि मेरा लक्ष्य केवल प्रधानमंत्री पद पर बने रहना, उसके लाभों का आनंद लेना होता, तो मैं इसे केवल एक महीने में हासिल कर सकता था, लेकिन मैं यहां एक ही संकल्प के साथ आया हूं- आपकी सेवा करने का, अपने देश की सेवा करने का।”
उन्होंने कहा, “मेरे जीवन का उद्देश्य आपके सपनों को पूरा करना है। मैं आप सभी की, हमारे देश के प्रत्येक नागरिक की सेवा करने के लिए यहां हूं। आपके बच्चे सिर्फ आपका भविष्य नहीं हैं, वे हमारे देश का भविष्य हैं और मैं आपके साथ मिलकर उस भविष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
उन्होंने कहा कि यहां तक कि तृणमूल और वाम दलों ने भी उनका विरोध नहीं किया है, क्योंकि यह उनके एजेंडे के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि बंगाल कांग्रेस की धर्म के आधार पर विभाजनकारी राजनीति का उदाहरण है। उनकी (श्री मोदी) सरकार का नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), हिंदू, बौद्ध, जैन और ईसाई जैसे अल्पसंख्यकों को सुरक्षा का वादा करती है, जिनमें बड़ी संख्या में उत्पीड़ित दलित, नामशूद्र और संथाल परिवार शामिल हैं, जो अन्य देशों में धार्मिक उत्पीड़न से गुजरने के बाद आए हैं। कांग्रेस, तृणमूल -वाम दल और इंडिया समूह ने सीएए को खत्म करने की योजना की घोषणा की है, लेकिन भाजपा उन्हें ऐसा करने नहीं दे सकती है।”
श्री मोदी ने विशेषकर महिलाओं की बढ़ती उपस्थिति की ओर इशारा किया, जिसका परिणाम सात चरण के मतदान के बाद 04 जून को दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ अभी भी चुनाव परिणाम के बारे में अटकलें लगा रहे हैं, लेकिन ओपिनियन या एग्जिट पोल की कोई जरूरत नहीं है। परिणाम स्पष्ट है। मैंने भविष्यवाणी की थी कि उनके बड़े नेता हार के डर से राज्यसभा का विकल्प चुनेंगे और ऐसा ही हुआ। उसी तरह मैंने कहा था कि शहजादा वायनाड में हार के डर से दूसरी सीट मांगेंगे। अब, वह अमेठी से रायबरेली भाग गए हैं। कांग्रेस के पास इस बार कम सीटें होंगी। यह स्पष्ट हो रहा है कि वे सिर्फ जीतने और देश को विभाजित करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।’
प्रधानमंत्री ने शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर तृणमूल को जमकर घेरते हुए कहा, “मैं जानता हूं कि शिक्षक भर्ती घोटाले के पीड़ितों में से कितने लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई है। घोटाले की वजह से मासूम लोगों की जिंदगी मुश्किलों से घिर गई है। भाजपा ऐसे उम्मीदवारों को कानूनी सहायता प्रदान करेगी और उन्हें न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत से काम करेगी। आपके पास मोदी की गारंटी है।” उन्होंने कहा, “तृणमूल के गुंडों को बेलगाम नहीं चलने दिया जाएगा। तृणमूल की गुंडागर्दी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी, यह सिर्फ मोदी की गारंटी है। हर लूट, हर घोटाले की जांच होगी।”
श्री मोदी ने कहा कि बंगाल में शिक्षा प्रणाली की पवित्रता को नष्ट कर दिया गया और समाज के सभी क्षेत्रों में विभिन्न घोटालों में आने वाली पीढ़ी के भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया गया। उन्होंने कहा, “मंत्रियों के घरों से बेहिसाब धन की बरामदगी से तृणमूल की संस्कृति दिखाई दे रही है और वे अब जेलों में हैं।”
उन्होंने जनता से कहा कि बर्धमान-दुर्गापुर में दिलीप घोष, पूर्वी बर्धमान में आशिम सरकार, कृष्णानगर के लिए राजमाता अमृता रॉय, राणाघाट से जगन्नाथ सरकार, बोलपुर से प्रिया साहा, बीरभूम से देबतनु भट्टाचार्य और बहरामपुर से निर्मल साहा के लिए वोट मोदी सरकार के बंगाल में भ्रष्ट शासन को जड़ से उखाड़ने के लिए इरादे को मजबूत करेंगे।