नई दिल्ली। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को कहा कि फिलिस्तीनी सशस्त्र गुट हमास के हमले के मद्देनजर इजरायल में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के प्रयास जारी हैं।
उन्होंने बताया कि उन्हें शनिवार रात इज़राइल में भारतीयों के बारे में कई संदेश मिले। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय सीधे स्थिति की निगरानी कर रहा है।
लेखी ने कहा, “भारत सरकार इजराइल में फंसे भारत के छात्रों को वापस लाने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री और उनका कार्यालय स्थिति पर नजर रख रहे हैं। वहां फंसे हमारे छात्रों को वापस लाने के लिए बड़े प्रयास चल रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने बार-बार संकट का सामना करते हुए विदेशों से अपने नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला है।
उन्होंने कहा, “चाहे ऑपरेशन गंगा हो या वंदे भारत, हम सभी को वापस लाए और मुझे यकीन है कि सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय सीधे उन लोगों के संपर्क में हैं और काम कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रखे हुये हैं।”
उनकी यह टिप्पणी इजराइल में कई भारतीय छात्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में यह बात सामने आने के बाद आई है कि वे डरे हुए थे।
भारतीय छात्रों और नागरिकों के अलावा, मेघालय के 27 लोग, जो तीर्थयात्रा के लिए येरुशलम गए थे, बेथलहम में फंसे हुए हैं।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने एक्स पर लिखा: “मेघालय के 27 नागरिक जो पवित्र तीर्थयात्रा के लिए यरूशलेम गए थे, वे इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव के कारण बेथलेहम में फंस गए हैं।”
संगमा ने कहा, “मैं उनकी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय के संपर्क में हूं।”
इससे पहले आज, विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने इज़राइल में फंसे भारतीयों से सुरक्षित रहने और सहायता के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क करने का आग्रह किया।
भारतीय दूतावास की वेबसाइट के अनुसार, इज़राइल में लगभग 18 हजार भारतीय नागरिक हैं। इनमें ज्यादातर इज़राइली बुजुर्गों द्वारा नियोजित केयरटेकर हैं। इनके अलावा हीरा व्यापारिय, आईटी पेशेवर और छात्र भी बड़ी संख्या में हैं।
इज़राइल में मई 2021 में केयरटेकर के रूप में कार्यरत केरल की 32 वर्षीय सौम्या संतोष की गाजा गोलाबारी में उस समय मौत हो गई, जब वह अपने पति के साथ वीडियो कॉल पर बात कर रही थी।
हमास ने शनिवार को इजराइल के खिलाफ एक नए सैन्य अभियान की घोषणा की और एक ‘आश्चर्यजनक हमले’ में पिछले साल मई के बाद पहली बार गाजा पट्टी से यहूदी राज्य की ओर मिसाइलों की बौछार की।
हमले में करीब 300 इजरायली नागरिकों की जान चली गई जबकि 1,000 से ज्यादा घायल हो गए हैं। इजरायल की ओर से जवाबी कार्रवाई में 230 फ़िलिस्तीनी मारे गए और 1,500 से अधिक घायल हो गए।
हमास ने कथित तौर पर पांच हजार से अधिक रॉकेट दागे। हमले से बौखलाये इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने समूह के गाजा ठिकानों को “मलबे” में बदलने का संकल्प लिया।