Saturday, November 23, 2024

भारतीय संस्कृति गीता, गंगा, गौ-माता और गोविंद के बगैर नहीं चल सकती: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति गीता, गंगा, गौ-माता और गोविंद के बगैर नहीं चल सकती है। धरा पर गाय और गंगा ही हैं, जो ईश्वर को अत्यंत प्रिय हैं, इनके बिना भारतवर्ष के उत्कर्ष की कल्पना नहीं की जा सकती। गौ-वंश सम्पूर्ण मानव जाति के लिए पूज्यनीय है। यह पर्व भारतीय जनमानस को अपनी जड़ों से जोड़े रखता है और प्रकृति के प्रति सम्मान की भावना को प्रदर्शित करता है। यह हमारी संस्कृति और परंपरा के संवर्धन का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार भारतीय संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन कर जन-कल्याण का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को कामधेनु गौ-अभ्यारण्य सालरिया जिला आगर-मालवा में एक वर्षीय वेदलक्षणा गौ-आराधना महोत्सव अन्तर्गत गोवर्धन पूजा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विधि-विधान, मंत्रोच्चार के साथ गोवर्धन पर्वत एवं गौ-माता का पूजन कर भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग लगाया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों को मंच से हितलाभ का वितरण भी किया। उन्होंने आगर-मालवा जिले के लिये 49 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यो का लोकार्पण तथा भूमि-पूजन किया। उन्होंने मध्य प्रदेश स्थापना दिवस की सभी को बधाई भी दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन कर एवं कन्या-पूजन कर किया। इस अवसर पर पशु-पालन मंत्री लखनसिंह पटेल, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गौतम टेटवाल, सांसद रोडमल नागर, विधायक मधु गेहलोत, गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के पूज्य परमहंस प्रज्ञानानंद महाराज,जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्नाबाई चौहान मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-मूत्र से कैंसर जैसी बीमारी का उपचार पूरे संसार ने देखा है, गौ-माता के दूध से संसार के 200 से अधिक देशों में पूर्ति होती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार भी गौ-सेवा के लिए सदैव प्रतिबद्ध है, त्यौहारों को लेकर शासकीय स्तर पर लगातार आयोजन हो रहे हैं। अब हम गौ-माता की पूजा कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए गौ-शाला में गाय के आहार के लिए निर्धारित अनुदान को भी बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। सभी गौ-शालाओं को संरक्षण देंगे। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 10 से अधिक गौ-माता का पालन करेगा, उसे भी सरकार अनुदान देकर घर-घर गौसेवा के संकल्प को पूरा करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जो गाय पाले वे सभी गोपाल, जिनके घर में गाय का कुल उनके घर गोकुल, हमें घर-घर गोकुल बनाना है, सरकार ने हर घर में गौ-वंश बढ़ाने का निर्णय लिया है। गौ-माता में हमारे 33 करोड़ देवी-देवता भी विराजमान है। शासकीय स्तर पर गौ-शालाएं खुलेगी, जिनमें बुढ़ी, निराश्रित, अशक्त गौ-वंशों को पालने की जवाबदारी सरकार की होगी और इस संकल्प को संत समाज के सहयोग से पूरा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में दुग्ध उत्पादन की लगभग 9 प्रतिशत आपूर्ति मध्यप्रदेश द्वारा की जाती है। सरकार का निर्णय है कि अगले पांच साल के अंदर नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड के माध्यम से गौवंश की नस्ल सुधार कर दूध उत्पादन को बढ़ाकर देश में अग्रणी बनाना है। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश में ऐसी व्यवस्था करना चाहते है कि गायों को पालने वाले गौ-पालक बिना दूध देने वाली गौ-माता को गौ-शालाओं में छोड़ जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज मैं गौ-अभयारण्य में चल रहे इतने वृहद स्तर पर पवित्र कार्य मे गौ-अभयारण्य में गौ-संवर्धन वर्ष को चरितार्थ किया है। शासन ने गुड़ी पडवा पर गौ-संवर्धन वर्ष मनाने की घोषणा की उसे सालरिया में चरितार्थ किया है। अभयारण्य में मालवी नस्ल की गायों को इतने अच्छे से पालने पर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि गौ-माता के लिए जल का प्रबंध जहाँ भी आवश्यक है, वहा करेंगे। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा के अवसर पर हम सभी मिलकर पर्यावरण-संरक्षण का संकल्प लें। वर्षा के लिए प्राकृतिक संतुलन का होना बेहद आवश्यक है, प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग करते हुए, अपने आसपास की हरियाली को बढ़ाने का प्रयास करें।

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