Tuesday, May 7, 2024

कृषि विकास में अहम् भूमिका निभाएगी भारतीय बीज सहकारिता समिति : शाह

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भारतीय बीज सहकारिता समिति कृषि क्षेत्र में अहम् भूमिका निभाएगी। इस समिति की शुरुआत बीज संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किया गया है। यह समिति देश के पारंपरिक बीजों का संरक्षण करेगी और दुनिया के किसानों को उपलब्ध कराएगी। हमारे देश के बीज प्रकृति के बेहद करीब हैं। हम चाहते हैं कि इसका लाभ दुनिया को मिले और हमारे किसानों की आय बढ़े।

अमित शाह विज्ञान भवन में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड की ओर से आयोजित “सहकारी क्षेत्र में उन्नत एवं पारंपरिक बीजोत्पादन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को” को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें बीज निर्यात की दिशा में अपने हिस्सेदारी को बढ़ाना है। भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड दुनिया के देशों तक उन्नतशील बीज पहुंचाएगी और यह समिति बीजों पर शोध का कार्य भी करेगी। कई निजी कंपनियां बीज निर्माण के क्षेत्र में हैं लेकिन इससे किसानों को लाभ नहीं होता। यह समिति किसानों को लाभ पहुंचाएगी। हमारा लक्ष्य है कि अन्न का उत्पादन बढ़े और लोगों को पोषक अनाज उपलब्ध हो। यह समिति उस दिशा में भी काम करेगी। उन्होंने कहा कि देश के किसानों को हर वर्ष 465 लाख कुंतल बीजों की जरूरत है। यह आपूर्ति अगर सहकारिता के माध्यम से किया जाए तो किसानों को अधिक लाभ होगा।

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शाह ने कहा कि बीजों का निर्यात हमें बढ़ाना है। अभी हम इस कार्य में बहुत पीछे हैं। भारतीय बीज सहकारिता समिति इस विषय पर भी काम करेगी। हमारे मीठे अनाज को दुनिया तक पहुंचाने का कार्य यह सहकारी समिति करेगी। हमारा लक्ष्य प्रमाणित बीजों के अधिक उत्पादन और भारतीय बीजों को दुनिया तक पहुंचाना है, जिससे हमारे किसानों की आय बढ़े और दुनिया को पौष्टिक अनाज मिल सके।

शाह ने कहा कि भारतीय बीज सहकारिता समिति हमारे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा छोटे किसानों को होने वाला है। वह उन्नतशील बीज का उत्पादन कर सकेंगे। इस कार्य में भारतीय बीज सहकारिता समिति उनको मदद करेगी। अब देश का छोटा किसान बीज उत्पादक बन सकेगा। इन किसानों को अब ब्रांड की चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारतीय बीज सहकारिता समिति इन कार्यों में किसानों की मदद करेगी।

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि गांव में किसानों के पास पारंपरिक बीज उपलब्ध है लेकिन वह सीमित किसानों तक ही पहुंच पा रहा है। अब यह सहकारी समिति इन बीजों को खोजकर जरूरी संशोधन व शोधन कर किसानों को उपलब्ध कराएगी। शाह ने कहा कि हम श्रीअन्न उत्पादन में अहम् भूमिका निभा सकते हैं। दुनिया श्रीअन्न के बीज के लिए भारत पर निर्भर है। हमें इस दिशा में व्यापक शोध की जरूरत है। इस दिशा में भी हमें मिलकर काम करने की जरूरत है।

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