मुंबई। भारत की घरेलू वित्तीय प्रणाली कोरोना महामारी से पहले की तुलना में अब ज्यादा मजबूत स्थिति में है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को ‘वित्तीय प्रणाली को लचीला, भविष्य के लिए तैयार और संकट से निपटने में सक्षम’ बनाए रखने से जुड़े एक सत्र के उद्घाटन के बाद संबोधित करते हुए यह बात कही।
शक्तिकांत दास मुंबई में इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान (आईजीआईडीआर) परिसर में वित्तीय लचीलेपन पर वैश्विक सम्मेलन में कहा कि हमारा घरेलू वित्तीय तंत्र अब ज्यादा मजबूत स्थित में है। उन्होंने कहा कि समय पर की गई हमारी कार्रवाई से असुरक्षित कर्ज की वृद्धि धीमी हुई। यदि ध्यान नहीं दिया गया तो असुरक्षित कर्ज की कमजोरियां एक बड़ी समस्या बन सकती हैं।
आरबीआई गवर्नर ने कॉलेज ऑफ सुपरवाइजर्स द्वारा आयोजित वित्तीय लचीलेपन पर दूसरे वैश्विक सम्मेलन में कहा कि मजबूत पूंजी पर्याप्तता, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों का निम्न स्तर और स्वस्थ लाभप्रदता देश के बैंकिंग और गैर-बैंकिंग उधारदाताओं की पहचान बन चुकी है। शक्तिकांत दास ने कहा कि मैं बैंकों और अन्य वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं को 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में इस तरह के शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि आत्मसंतोष के लिए बिल्कुल कोई जगह नहीं है, दुनिया बदल रही है, चुनौतियां आ रही हैं। लेकिन हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।