Saturday, December 21, 2024

रतन टाटा के निधन पर शोक में डूबा उद्योग जगत, पिचाई बोले- हमेशा भारत की बेहतरी के लिए किया काम

नई दिल्ली। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया। उनके निधन ने उद्योग जगत को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से लेकर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा तक, प्रमुख कारोबारी नेताओं ने रतन टाटा के निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

 

 

रतन टाटा के साथ अपनी आखिरी मुलाकात को याद करते हुए सुंदर पिचाई ने कहा कि टाटा ग्रुप के चेयरमैन “भारत को बेहतर बनाने के बारे में गहराई से सोचते थे”। गूगल के सीईओ ने एक्स पोस्ट में लिखा, “रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात में हमने वेमो (गूगल की सेल्फ ड्राइविंग कार कंपनी) की प्रगति के बारे में बात की। उनको सुनना प्रेरणादायक था। वह एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं। भारत में आधुनिक व्यवसाय नेतृत्व को मार्गदर्शन देने और विकसित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह भारत की बेहतरी को लेकर संजीदा थे।

 

 

उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना और रतन टाटा जी की आत्मा को शांति मिले।” महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि वे “रतन टाटा की इस अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं”। उन्होंने ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा “भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक छलांग लगाने के कगार पर खड़ी है। रतन टाटा के जीवन और काम का हमारी इस स्थिति में बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए, इस समय उनका मार्गदर्शन अमूल्य होता,” उन्होंने आगे कहा, “उनके चले जाने के बाद, हम केवल उनके उदाहरण का अनुसरण करने के लिए प्रतिबद्ध हो सकते हैं। वह एक ऐसे व्यवसायी थे जिनके लिए वित्तीय संपदा और सफलता तब सर्वाधिक उपयोगी थी जब उसे वैश्विक समुदाय की सेवा में लगाया जाता था।”

 

 

टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि रतन टाटा के नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया कि समूह की वृद्धि तीव्र गति से जारी रहे। साथ ही वह अपनी नैतिक कसौटी पर भी खरा उतरे। उन्होंने एक बयान में कहा, “टाटा समूह के लिए, रतन टाटा एक अध्यक्ष से कहीं अधिक थे। मेरे लिए, वे एक मार्गदर्शक और मित्र थे। उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत कर हमें प्रेरणा दी। उत्कृष्टता, अखंडता और नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ, टाटा समूह ने उनके नेतृत्व में अपने वैश्विक पदचिह्न का विस्तार किया। वे हमेशा अपने नैतिक मानदंडों के प्रति सच्चे रहे।”

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