देवबंद (सहारनपुर)। देवबंद में आज जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की 2624 वीं जन्म जयंती बडे उल्लास के साथ मनाई गई। इस दौरान जैन समाज के लोगों द्वारा जैन मंदिरों में पूजा- अर्चना कर भगवान महावीर स्वामी के संदेश जियो और जीने दो के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया। जैन समाज की ओर से नगर में भव्य पालकी यात्रा भी निकाली गई। पालकी यात्रा श्री दिगंबर जैन मंदिर सारगवाड़ा से प्रारंभ होकर श्री दिगंबर जैन मंदिर बाहरा, श्री दिगंबर जैन मंदिर कानूनगोयान, हनुमान चौक, मेन बाजार, एमबीडी चौक होते हुए श्री दिगंबर जैन मंदिर नेचलगढ़ पहुंची।
https://royalbulletin.in/chamar-chaudas-fair-will-start-in-saharanpur-from-today-to-visit-maa-bala-sundari/321659
जहां जैन समाज के पुरुषों द्वारा शुद्ध वस्त्र पहनकर सुबह नित्य नियम पूजन , श्री जी का सहस्त्र कलशो से अभिषेक एवं भगवान महावीर स्वामी जी के जन्म जयंती पर विशेष पूजा- अर्चना की गई। श्री दिगंबर जैन मंदिर सारगवाड़ा में हुई बोलियो में भगवान का ख्वासी बनने का सौभाग्य श्री महिपाल अजय कुमार जैन, दाये इंद्र व बाये इंद्र की बोली श्री महेश चंद अजय कुमार जैन (बजाज), श्री अनुज कुमार, लक्ष्य जैन और खजांची की बोली श्री महिपाल मुकेश कुमार जैन (बजाज) ने प्राप्त की। बाल ब्रह्मचारी अब भैया जी ने अपने प्रवचन में कहा कि भगवान महावीर स्वामी का संदेश जियो और जीने दो के सिद्धांत का पालन करने वाला जैन धर्म है। भगवान महावीर का प्रकृति से गहरा संबंध रहा था।
https://royalbulletin.in/justice-proposal-passed-by-justice-to-everyone-in-congress-session-prepared-by-congress-bjp-passed-by-voice/321641
उन्होंने जंगल में जीव-जंतु ही नहीं वरन् पेड़-पौधों के बीच रहकर अपनी साधना की थी तथा ऋजुपालिका नदी के किनारे एक शाल के पेड़ के नीचे ही उन्हें आत्मज्ञान (केवल ज्ञान) की प्राप्ति हुई थी। जैन धर्म की पवित्र पुस्तकों (आगमों) में न केवल जीव-जंतु बल्कि पेड़-पौधों पर दया करने का उपदेश दिया गया है। पृथ्वी (मिट्टी), जल, वायु, वनस्पति और अग्नि सभी में जीवन है। इन सभी को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए तथा इन्हें नष्ट होने से बचाना चाहिए। जैन धर्म में प्रकृति के उपभोग की बजाय उपयोग करने का उपदेश दिया गया है। पालकी यात्रा में श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति के अध्यक्ष मोनी जैन, महामंत्री शुभम जैन, कोषाध्यक्ष मनोज जैन (पिल्लू), सुदेश जैन, अतुल जैन, मुकेश जैन, शशांक जैन, विपुल जैन, अंकित जैन, प्रतीक जैन, ऋषभ जैन, हर्षित जैन, अर्चना जैन, चन्दन जैन, सुनीता जैन, सविता जैन, शिल्पी जैन, सपना जैन, संगीता जैन सहित समस्त जैन समाज मौजूद रहा।