Sunday, September 8, 2024

मुद्रास्फीति को हवा मिल रही है सब्जियों से, आठ महीनों से ऊंचे चल रहे हैं इनके भाव

नयी दिल्ली- विश्लेषकों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति में इस समय सब्जियों के कारण है और सब्जियों हो हटा दिया जाए तो जून, 2024 में मुद्रास्फीति का आंकड़ा गिर कर 3.2 प्रतिशत दिखेगा।

शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जून में 5.08 प्रतिशत थी जो मार्च के बाद इसका उच्चतम स्तर है।

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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज समूह के मुख्य अर्थशास्त्री निखिल गुप्ता ने जून के खुदरा मूल्य सूचकांक के एक विश्लेषण में कहा,‘‘सब्जियों ने मुद्रास्फीति को हवा दी है। शाक-सब्जियों को हटा दें तो खुदरा मुद्रास्फीति (भार 94 प्रतिशत) पिछले महीने गिर कर 3.2 प्रतिशत पर आ जाएगी जो मई में 3.5 प्रतिशत थी।”

उन्होंने कहा कि यदि खाद्य और ऊर्जा को छोड़ दें (भार 52 प्रतिशत) तो मानक मुख्य मुद्रास्फीति मई के 3.3 प्रतिशत की तुलना में जून में 2.7 प्रतिशत रही। इसी तरह सेवाओं के वर्ग में खुदरा मुद्रास्फीति 2.7 प्रतिशत पर पिछले माह के बराबर बनी रही।

श्री गुप्ता ने कहा,‘‘खुदरा मूल्य सूचकांक के 299 उप-घटकों को देख कर पता चलता है कि पांच प्रतिशत से कम या उसके बराबर मुद्रास्फीति वाली वस्तुओं का भार जून 2024 में 7-वर्ष के उच्चतम स्तर 74 प्रतिशत पर पहुंच गया, जबकि पिछले दो महीनों में यह 73 प्रतिशत के स्तर पर था।’’

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा,‘‘सब्जियों की मुद्रास्फीति आठ महीनों से दोहरे अंकों में बनी हुई है। यह खाद्यान्न मुद्रास्फीति के दबाव के साथ एक बड़ी चिंता का विषय है।”

उन्होंने कहा कि पिछले साल के अनुकूल तुलनात्मक आधार के प्रभाव के बावजूद, सब्जियों, अनाज, दूध और फलों की कीमतों में वृद्धि के कारण खाद्य मुद्रास्फीति 9.4% तक बढ़ गई।

नाइट फ्रैंक इंडिया के निदेशक अनुसंधान विवेक राठी ने कहा,“मुद्रास्फीति गैर-खाद्य श्रेणियों में व्यापक रूप से नीचे आने के संकेत दे रही है, पिछले छह महीनों में मुख्य श्रेणियों में मुद्रास्फीति औसतन 3.5 प्रतिशित रही है।” उन्होंने कहा अगले कुछ महीनों में खाद्य पदार्थों की कीमतों और मुद्रास्फीति के स्तर को स्थिर करने में स्थिर मानसून महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

केयरएज रेटिंग की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा,‘‘जून में कोर (खाद्य एवं ईंधन को छोड़ कर) मुद्रास्फीति 3.1 प्रतिशत के सतर पर पर स्थिर रही और यह काफी हद तक शांतबनी हुई है। हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है।” उन्होंने कहा सामान्य मानसून की उम्मीद से खाद्य मुद्रास्फीत में नरमी की आशा बढ़ी है।

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