नोएडा। जनपद में पैरामाउंट कंपनी को टीबी मुक्त कार्यस्थल बनाने की शुरुआत की गई। यह पहल बुधवार को जिला क्षय रोग विभाग के नेतृत्व और द यूनियन व पैरामाउंट प्रोडेक्टस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सहयोग से हुई।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. शिरीष जैन ने एक कार्यक्रम में इसकी औपचारिक शुरुआत करते हुए कहा – टीबी मुक्त कार्यस्थल नीति एक अच्छी पहल है। टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत पैरामाउंट कंपनी प्रबंधन ने अपने कार्यस्थल को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इसकी औपचारिक शुरुआत बुधवार को हुई। डा. जैन ने बताया- जल्द ही नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के सहयोग से अन्य कंपनियों और फैक्ट्रियों में भी इसकी शुरुआत होगी। उन्होंने बताया – टीबी मुक्त कार्यस्थल बनाने के लिए कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारियों व हेल्थ यूनिट को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके तहत सभी की टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी। जरूरत के अनुसार जांच- उपचार किया जाएगा। कंपनी की सात यूनिट में करीब चार हजार कर्मचारी हैं।
डा. जैन ने बताया- कंपनी का मकसद है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी टीबी को लेकर जागरूक रहें। सभी को इसकी जानकारी रहे कि टीबी के प्राथमिक लक्षण क्या हैं। अपने अथवा किसी सहयोगी में टीबी के लक्षण नजर आएं तो वह तुरंत जांच कराएं। यदि जांच में टीबी की पुष्टि होती है तो तुरंत उपचार कराएं। उन्होंने बताया तुरंत उपचार होने से टीबी मरीज से फैलने वाला संक्रमण रुक जाता है। आमतौर पर दवा शुरू होने के दो सप्ताह से एक माह के भीतर संक्रमण फैलना बंद हो जाता है। उपचार के अभाव में एक टीबी मरीज 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर देता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया- कंपनी में अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण के दौरान टीबी
के लक्षण के बारे में बताया जा चुका है। दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार रहना, वजन कम होना, रात में सोते समय पसीना आना, सीने में दर्द रहना आदि टीबी के लक्षण हैं।