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दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत आईआईटीजीएनएल की तरफ से इंटीग्रेटेड टाउनशिप करीब 750 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई गई है। पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने शनिवार टाउनशिप देखने पहुंचे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ और आईआईटीजीएनएल की निदेशक श्रीलक्ष्मी वीएस ने इस स्मार्ट टाउनशिप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्लग एंड प्लेे सिस्टम और ऑटोमेटेड वेस्ट प्लांट को भी देखा। भ्रमण के बाद उप सचिव ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पहुंचे और इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजनाओं पर प्रस्तुतिकरण को देखा।
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आईआईटीजीएनएल की निदेशक श्रीलक्ष्मी वीएस और निदेशक प्रेरणा सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि इस टाउनशिप में कूड़े के निस्तारण पूरी तरह से ऑटोमेटेड है। पाइप के जरिए कूड़ा प्लांट तक पहुंचेगा और प्रोसेस होकर कंपोस्ट में तब्दील हो जाएगा। वेस्ट के लिए हर प्लॉट प्वाइंट दिए गए हैं। 24 घंटे पानी का इंतजाम है। अबाधित बिजली आपूर्ति की व्यवस्था है। प्लग एंड प्ले के आधार पर बनी इस टाउनशिप में उद्यमी तत्काल प्लांट लगाकर काम शुरू कर सकता है। इस टाउनशिप में वर्क टू साइकिल, 24 घंटे बिजली, एलईडी लाइट जैसी सुविधाएं मौजूद रहेंगी। यह टाउनशिप सीसीटीवी से लैस होगी।
अधिकारियों ने उप सचिव को बताया कि टाउनशिप में अब तक लगभग 20 कंपनियां निवेश कर रहीं हैं। उप सचिव ने एनआईसीडीआईटी (नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इंप्लीमेंटेशन ट्रस्ट) के अधिकारियों को मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजना के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। आईआईटीजएनएल की तरफ से इंडस्ट्री विभाग की प्रभारी प्रीति शर्मा ने प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान महाप्रबंधक नियोजन लीनू सहगल, डीजीएम वित अभिषेक जैन, ओएसडी रामनयन सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक राजेश गौतम, चेतराम सिंह, सन्नी यादव, महावीर सिंह व वैभव चैधरी और प्रबंधक महेश यादव सहित कई अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
बता दें कि बोड़ाकी के पास मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजना करीब 478 हेक्टेयर जमीन पर विकसित की जा रही है। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के अंतर्गत रेलवे, बस अड्डा व मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। बोड़ाकी के पास ही रेलवे टर्मिनल बनाया जाएगा। यहां से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें चलेंगी। इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर ट्रेनों का दबाव कम होगा। ट्रांसपोर्ट हब में ही अंतर्राज्यीय बस अड्डा भी बनेगा। मौजूदा नोएडा-ग्रेनो मेट्रो रूट का विस्तार मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक होना है।
ट्रांसपोर्ट हब से लोकल बसें भी चलाई जाएंगी। वहीं लॉजिस्टिक हब से उद्योगों के लिए माल ढुलाई की राह आसान हो जाएगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। मुंबई, गुजरात आदि जगहों पर जाने में चार से पांच दिन लगता है, इसके शुरू होने के बाद माल डेढ़ दिन में पहुंच सकेगा। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे। इन दोनों परियोजनाओं को अगले तीन साल में विकसित करने का लक्ष्य है।