नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहने का वादा करते हुए कहा कि जांच एजेंसिया स्वतंत्र हैं और यह स्वतंत्रता उन्हें भारतीय संविधान से मिली हुई है। विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाबी भाषण में कहा कि पहले की सरकारों के समय सदन का पूरा समय घोटालों की चर्चा में जाता था, भ्रष्टाचार की चर्चा में जाता था, लगातार एक्शन की मांग होती थी, चारों तरफ सिर्फ भ्रष्टाचार की ही खबरें होती थी।
उन्होंने कहा कि आज जब भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होती है तो ये लोग उनके समर्थन में हंगामा करते हैं। प्रधानमंत्री ने हमला जारी रखते हुए कहा कि उनके (यूपीए) कार्यकाल के दौरान, जांच एजेंसियों का इस्तेमाल केवल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया गया था। जांच एजेंसियों को काम करने नहीं दिया जाता था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय ईडी ने 5,000 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। हमारे कार्यकाल में ईडी ने एक लाख करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की। देश का लूटा हुआ माल देना ही पड़ेगा। अब बिचौलियों के लिए गरीबों को लूटना बहुत मुश्किल हो गया है। डीबीटी, जनधन अकाउंट, आधार, मोबाइल, उसकी ताकत हमने पहचानी है। 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम हमने लोगों के खाते में सीधा पहुंचायी है। पहले कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम 100 रुपए भेजते हैं तो 15 पैसे ही गरीबों तक पहुंचते हैं।
प्रधानमंत्री ने सजा प्राप्त नेताओं के महिमामंडन पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें हैरानी होती है कि लोग उन नेताओं का भी सार्वजनिक तौर पर महिमामंडन कर रहे हैं, जिन्हें अदालत से सजा मिल चुकी है।
प्रधानमंत्री ने महंगाई के आंकड़ों का जिक्र करते हुए यह भी दावा किया कि वैश्विक स्तर पर युद्ध और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उनकी सरकार ने महंगाई को नियंत्रण में रखा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद लोकसभा ने ध्वनिमत से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कर दिया।