Thursday, April 17, 2025

इकरा के तीन सालों के संघर्ष ने बदले कैराना की राजनीति के मायने, विपक्षी खेमा सोचने पर मजबूर

शामली। कहा जाता है कि कैराना में होने वाली प्रत्येक हलचल सीधे तौर पर लखनऊ में उत्तर प्रदेश की राजनीति में दस्तक देती है। समाजवादी पार्टी ने इकरा हसन पर भरोसा जताते हुए उन्हें कैराना लोकसभा से प्रत्याशी घोषित किया है, हालांकि परिवार पर आए संकट के बाद विशेष परिस्थितियों के कारण इकरा हसन को सक्रिय राजनीति मे प्रवेश करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद सक्रिय राजनीति में लगातार तीन सालों तक इकरा का संघर्ष उन्हें एक मजबूत राजनेता के तौर पर जनता के बीच प्रदर्शित कर रहा है, जिसके चलते अब विपक्षी पार्टियों को भी इस सीट पर मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए सुई की नोंक से प्रत्याशियों का चयन करना होगा।

 

 

समाजवादी पार्टी द्वारा कैराना लोकसभा से घोषित प्रत्याशी इकरा हसन राजनैतिक समझ से उम्र में भले ही छोटी नजर आती है, लेकिन उनके मैदान में उतरने के बाद विपक्षी खेमों में भी खलबली मची हुई है। यह सिर्फ इसलिए नही कि इकरा हसन कैराना की राजनीति में सक्रिय हसन घराने से ताल्लुक रखती है। यह इसलिए भी है कि उन्होंने पिछले तीन सालों में अपने परिवार के लिए संघर्ष कर मुश्किलों को आसान किया है और समर्थकों की बागड़ौर भी अपने हाथों में संभाली है। पूर्व में भाई नाहिद हसन को मुकदमों के चलते जेल जाना पड़ा था, जबकि उनकी मां तबस्सुम हसन के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई चल रही है।

 

 

ऐसे हालातों में इकरा ने दिन रात एक कर सबसे पहले वर्ष 2022 में जेल में बंद अपने भाई के चुनाव की बागड़ौर संभाली। चुनाव जीतने के बाद उन्हें पुरजोर कोशिशें और पैरवी कर जेल से बाहर निकालने में भी इकरा हसन का संघर्ष सभी के सामने हैं। उनके इसी संघर्ष और समर्थकों में खासी पैठ बनाने की की वजह से समाजवादी पार्टी द्वारा राजनीति में उम्रदराज नेताओं के बजाय इकरा हसन पर भरोसा जताया है। इसी के चलते अब विपक्षी खेमों में भी यह विचार—विमर्श शुरू हो गया है कि आखिर इकरा के सामने किस प्रत्याशी को खड़ा किया जाए। विपक्षी खेमें सभी नजरियों से अपने प्रत्याशियों के नामों को सुई की नोंक से निकाल रही है।

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परिवार पर संकट के चलते राजनीति की ज्वाइन
इकरा हसन ने रॉयल बुलेटिन से बात करते हुए बताया कि उन्होंने इंटरनेशल लॉ की पढ़ाई की है, जिसके बाद उन्होंने मास्टर भी किया और पीएचडी करना चाहती थी, लेकिन परिवार पर आए संकट के कारण उन्हें कैराना लौटना पड़ा। इकरा ने बताया कि पिछले तीन सालों से वें सक्रिय राजनीति में शामिल हैं, हालांकि इनमें से एक साल परिवार के लिए कोर्ट के चक्कर काटने में गुजरा है। इकरा ने कहा कि पार्टी मुखिया ने उनपर जो भरोसा जताया है, वें उसपर खरा उतरने की पुरजोर कोशिश करेंगी।

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