मुजफ्फरनगर। दबंगों से बचने एवं उनकी गिरफ्तारी को लेकर पीड़ित परिवार तीन साल से सरकारी दफ्तरों की परिक्रमा करने के लिए मजबूर हो रहा है, मगर अभी तक किसी भी पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के कानों तक पीड़ित परिवार द्वारा लगाई जा रही सुरक्षा की गुहार नहीं पहुंच पाई हैं। पीड़ित परिवार ने पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति करने का आरोप लगाया है।
आरोप है कि गत 2020 से पीड़ित अर्जुन मलिक दबंगों के डर से अपने परिवार को बचाने के लिए घर में कैद करके रखा हुआ है। रविवार को थाना तितावी क्षेत्र के गांव अमीरनगर निवासी पीड़ित अर्जुन ने अपने परिवार के साथ मीडिया सेंटर के पत्रकारों से वार्ता कर बताया कि योगी राज में भी बड़े आकाओं की सरपरस्ती में फल फूल रहे दबंग से बचने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सभी अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं।
पीड़ितों ने गांव अमीर नगर के ही दबंग अशोक व प्रदीप पुत्रगण रामशरण विवेक आशु पुत्रगण अशोक मयंक एवं पियूष पुत्र गणपति के अलावा अशोक पुत्र कौशल के विरुद्ध थाने में तहरीर देते हुए कार्यवाही करने की अपील की गई थी। आरोप है कि पुलिस प्रशासन के पास पुख्ता सबूत होने के बावजूद भी कारवाई करने में असमर्थ दिखाई दे रहा है। आरोप है कि पुलिस प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी कार्रवाई करने से पीछे हट रहा है।
आरोप है कि गेट 9 अप्रैल 2020 को घर में घुसकर नितिन मलिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी वहीं पीड़ित के पिता एवं दादा को धारदार हथियार से लहू लुहान कर मर्नासन हालत में छोड़ दिया गया था। आरोप हैं कि पीड़ित परिवार द्वारा पुलिस प्रशासन से कार्यवाही करने की बात कहे जाने पर कोई सबूत नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
पीड़ित ने पुलिस पर लगाया सांठ गांठ करने का आरोप
आरोप है कि पुलिस प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पीड़ित परिवार द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी फुटेज के अलावा फेस बुक पर दबंगों के द्वारा आतंक फैलाने के इरादे से अवैध हथियारों के अलावा लाइसेंसी बंदूकों के साथ फोटो अपलोड कर पुलिस के खुली चुनौती देने का कार्य किया गया, मगर पुलिस प्रशासन बेचारा बनकर सबकुछ देखता रहा।
आरोप है कि पुलिस प्रशासन की लचर कानून व्यवस्था ही दबंगों को अपराधिक दुनिया में कदम बढ़ाने के लिए उत्साहित करती हैं। आरोप है कि पीड़ित परिवार के इंसाफ दिलाने के लिए ग्रामीणों ने भी कदम बढ़ाए थे मगर पुलिस प्रशासन की गुंडई दिखाते हुए सभी 20 ग्रामीणों को धारा 107#116 में चालान कर दिए गए, जिससे पुलिस प्रशासन लचर कानून व्यवस्था नजर आ रही हैं।