Tuesday, December 24, 2024

छगन भुजबल के भाजपा में शामिल होने की बात में कितनी सच्चाई यह कहना मुश्किल : मनीषा कायंदे

मुंबई। महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल के बीच, शिवसेना एमएलसी मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने छगन भुजबल की नाराजगी, महाविकास आघाड़ी और इंडिया अलायंस के भीतर की जटिलताओं के साथ-साथ आगामी चुनावों पर अपनी राय दी। मनीषा कायंदे ने बताया कि ऐसी चर्चाएं है कि छगन भुजबल मंत्रिमंडल में जगह न मिलने के कारण नाराज हैं और वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसमें कितनी सच्चाई है, यह कहना मुश्किल है। यह पूरी तरह से उनकी पार्टी और अजीत दादा पर निर्भर करता है कि वह इस पर क्या कदम उठाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सवाल तब और बढ़ जाता है जब भुजबल लगातार यह कह रहे हैं कि उनकी वरिष्ठता को अनदेखा किया गया है। ऐसे मामलों में अजीत पवार की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और उम्मीद है कि वे भुजबल को शांत करने में सफल होंगे।

विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी की हार पर कायंदे ने कहा कि महा विकास आघाड़ी इस हार को पचा नहीं पा रही है और इसके चलते पार्टी के भीतर हताशा का माहौल है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में यह हार उनके लिए बड़ा झटका साबित हुई है। मनीषा कायंदे ने महाविकास आघाड़ी और इंडिया अलायंस के भीतर की जटिलताओं पर कहा कि इंडिया अलायंस का गठन व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण हुआ था और अब इसमें दरारें दिखाई दे रही हैं। यह अलग-अलग नेताओं की महत्वाकांक्षाओं के कारण हुआ है। ममता बनर्जी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं के बयान इस बात को और स्पष्ट करते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि महाविकास आघाड़ी के भीतर भी सहयोगियों के बीच में गहरे मतभेद हैं। संजय राउत के बयान पर कायंदे ने कहा कि बीएमसी और महानगर पालिका चुनावों में शिवसेना को अकेले लड़ा जाना चाहिए, यह उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना है। लेकिन यह भी देखने की बात होगी कि आने वाले समय में पार्टी के भीतर क्या निर्णय लिया जाएगा।” कायंदे ने यह भी कहा कि महाविकास आघाड़ी के भीतर फूट पड़ने की संभावना पहले ही दिखाई देने लगी थी और अब संजय राउत और अन्य नेताओं के बयानों से यह स्थिति और स्पष्ट हो गई है। राहुल गांधी के परभणी दौरे पर कायंदे ने कहा कि राहुल गांधी के इस दौरे को एक राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत के बाद उनके परिवार के प्रति हमारी पार्टी और सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है, लेकिन राहुल गांधी की सार्वजनिक उपस्थिति को हम एक प्रचार स्टंट के रूप में देखते हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय