Wednesday, January 22, 2025

ज़रूरी है खुद के साथ समय बिताना

कुछ लोग बड़ी सफलता और उपलब्धि की प्रतीक्षा करते रह जाते हैं जिस कारण वे छोटी-छोटी खुशियों के आनन्द से वंचित रह जाते हैं। जिस प्रकार छोटे-छोटे कदमों से मीलों का सफर तय होता है, उसी प्रकार छोटी-छोटी खुशियों से आनन्द के क्षण बड़े होते हैं।

आप जीवन के किसी भी पड़ाव पर हों अभी से स्वयं को कुछ पलों में इस कदर जीना सिखा लें, जहां पर केवल आप हों और आपका अंतर्मन इसके लिए प्रतिदिन केवल आधा घंटा स्वयं के साथ बिताएं। केवल यह विचार करें कि आपने अपने पारलौकिक जीवन के लिए क्या किया और क्या करना चाहिए, किसी के साथ बुरा तो नहीं किया, विश्वासघात तो नहीं किया।

यदि कुछ गलत हुआ है तो उसका प्रायश्चित कैसे करना है। मेरे जो कर्तव्य थे अपने माता-पिता के प्रति, अपने शुभचिंतकों के प्रति, अपने परिचितों के प्रति और समाज के प्रति, उन्हें किस सीमा तक पूरा कर पाया हूं। यदि नहीं कर पाये तो उन्हें पूरा करने की रूपरेखा तैयार करें।

प्रकृति ने जो मुझे दिया है और जो मुझे वर्तमान में मिल रहा है, उसके बदले मैं कुछ कर रहा हूं या नहीं। कहीं मैं कृत्घ्न तो नहीं हो गया हूं? जिस किसी ने भी आपके साथ कभी उपकार किया है, वह आप भूले तो नहीं। ऐसा करने पर अपने अंतिम समय में पश्चाताप कतई नहीं होगा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!