मुजफ्फरनगर। जैन अपनापन फाउंडेशन रजि नवीन शाहदरा दिल्ली के द्वारा आध्यात्मिक उपचार कार्यशाला ( भक्तामर स्त्रोक्त के मन्त्रो के द्वारा रोगों का उपचार) का आयोजन श्री राम सत्संग भवन नवीन शाहदरा दिल्ली में किया गया ।
कार्यशाला का आरंभ आदिनाथ भगवान के चित्र का अनावरण असीम जैन उपासना जैन के द्वारा करके किया गया तथा मानतुंग आचार्यजी के चित्र का अनावरण स्वाति गोयल के द्वारा किया गया , दीप प्रज्वलन रश्मि जैन अरुण जैन ने किया गया ,भक्तिमय मंगलाचरण श्रष्टि जैन के द्वारा बहुत ही मनमोहक रूप से किया गया!
मुख्य वक्ता अनन्त वर्ल्ड के डायरेक्टर डॉ प्रिया जैन,डॉ प्रदीप जैन ने भक्तामर स्त्रोक्त की जानकारी देते हुए बताया कि
मालव देश के उज्जयिनी नगरी मे श्री वृद्ध भोज(कही कही हर्ष राजा का भी उल्लेख मिलता है) राजा के समय ब्राह्मणों का जोर था वे खुद के सामने दुसरो को गौण समजते थे। राजा ने जैन श्रावको से पूछा आप जैनों में कोई विद्यावाला बुद्धिमान है?जैनों के कहने पर राजा ने जैन आचार्य श्री मानतुंगसुरीजी को आदर सहित राजदरबार में बुलाया।
प्रवेश महोत्सव के समय ब्राह्मणों ने घी भरा पात्र उनके हाथ में रखा आचार्यजी ने उसमे एक सली डाली और श्रावक के पूछने पर श्रीजी ने बताया की ब्राह्मण यह बताना चाहते है की यह नगर ब्राह्मणों से भरा पड़ा है तब मैंने सली डालकर यह बताया इस प्रकार हम प्रवेश करेगे। राजा ने उनको पूछा की अपनी वक्तव्य कला बताईये।सुरीजी ने ब्राह्मणों को वाद में हराया। फिर राजा ने कहा कोई देवि शक्ति हो तो बताये। श्रीजी कहने पर उन्हें 48 बेड़ियां पहनकर एक रुम में बंधकर सात ताले मारे और चोकीदार रखे गए। सूरी जी एक एक स्तोत्र का पठन करते गए और 48 बेड़ियां खुल गई और श्री भक्तामर स्तोत्र की रचना हुई, जिसे देखकर राजा आश्चर्यचकित हो गए और सुरीजी का बहुमान किया गया। राजा जैन धर्म के प्रति प्रीती वाला हुआ। जैन शासन की जय जय कार हुई।भक्तामर स्तोत्र अत्यंत ही महिमावंत स्तोत्र है,इस स्तोत्र से युगाधिदेव आदिनाथ भगवान् की स्तुति की गई है।प्रत्येक शब्द में,प्रत्येक गाथा में अनेकोनेक सिद्धियुक्त मंत्र है। इन शब्दों का श्रवण और पठन करने से सभी प्रकार की आधि-व्याधि-उपाधि दूर होती है।
डॉ प्रदीप जैन एव प्रिया जैन ने बताया कि भक्तमर स्त्रोक्त के 48 श्लोक बीमारियों,परेशानी, व्यापार में कमी आदि व्याधि दूर करने के लिए सर्वोत्तम है हर बीमारी और परेशानी के लिए एक श्लोक का अध्यन करना है।
कार्यशाला में आई हुई एक श्राविका द्वारा बताया गया कि उसका पुत्र अग्नि से पूरा झुलस गया था, तब उसने णमोकार महामन्त्र एव भक्तामर स्त्रोक्त पर पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास के साथ पाठन किया और आज उसका पुत्र स्वस्थ है।
कार्यशाला के अंत मे सभी उपस्थित श्रद्धालुओं के प्रश्नो का उत्तर देकर जिज्ञासा या शंका का समाधान किया। कार्यशाला का सफल संचालन ऋत्विक जैन एव अर्चिता जैन ने किया। अपनापन फाउंडेशन की संस्थापक काजल जैन एवं सभी सदस्यों ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया।
इसी कार्यक्रम की श्रृंखला दूसरे सत्र में रात्रि में टेलेंट हंट शो का आयोजन किया गया, जिसमें 10 साल से 18 साल तक के बच्चों ने भाग लिया। मंच का उर्मिला जैन के द्वारा किया गया तथा दीप प्रज्वलन पार्श्वनाथ एकता संघ के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में निर्णायक मंडल में अंकुश ,सलोनी,प्रियंका,विककी, नित्या,शिखा सिंघल आदि प्रमुख रूप से उपस्तिथ रही,संचालन चन्द्रप्रकाश द्वारा किया गया।
विजेता के रूप में 10 से 14 उम्र के ग्रुप में खुसी शर्मा,श्रेया गुप्ता,अवनी महाजन प्रमुख रही एव 15 से 18 उम्र ग्रुप में विककी शर्मा,योगिता शर्मा,प्रखर कश्यप विजेता रहे सभी विजेता को ट्राफी देकर सम्मान किया गया ।
संस्था की संस्थापक काजल जैन एव कोषाध्यक्ष रीटा जैन ने संयुक्त रूप से बताया कि संस्था समाज सेवा के कार्यो में अग्रसर रहती है संस्था द्वारा समय समय पर मेडिकल कैम्प लगाए जाते है ,सर्दियों के मौसम में गर्म कपड़ों का वितरण किया जाता है भोजन वितरण किया जाता है तथा जिन बच्चो को पढ़ाई में आर्थिक परेशानी आती उनकी भी समय समय पर पूरी साहयता की जाती है।
कार्यकर्म को सफल बनाने में संस्था की संस्थापक काजल जैन,शालनी जैन,अनु जैन ,रीटा जैन,उर्मिला जैन,रश्मि जैन,गुणमाला जैन,दीपिका जैन,भारती जैन ,शालनी जैन आदि के साथ साथ ऋत्विक जैन,अर्चिता जैन,अनमोल जैन,खुशी जैन,एंजल जैन आदि का सहयोग रहा।