नयी दिल्ली। थाईलैंड के विदेश मंत्री मारिस सांगियाम्पोंगसा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने अपने प्रधानमंत्रियों के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत-थाईलैंड में द्विपक्षी संबंधों की इच्छा दोहराई है।
सांगियाम्पोंगसा भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए है। विदेश मंत्री ने 12 जुलाई को सांगियाम्पोंगसा के साथ द्विपक्षीय बैठक की और उनके सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन किया।
एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने राजनीतिक आदान-प्रदान, रक्षा और सुरक्षा संबंधों, व्यापार और निवेश के अवसरों, संपर्क, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग, स्वास्थ्य सहयोग, संस्कृति और लोगों के बीच संपर्क को कवर करने वाले साझेदारी के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की।
दोनों मंत्रियों ने आपसी हितों के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग के लिए प्रतिबद्धता दोहराई।
दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्रियों के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत-थाईलैंड साझेदारी को और मजबूत बनाने की पारस्परिक इच्छा की पुष्टि की।
बयान में कहा गया है कि थाईलैंड आसियान में भारत का एक प्रमुख साझेदार है। भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति जो 2024 में अपने 10वें वर्ष को चिह्नित करती है, थाईलैंड की ‘एक्ट वेस्ट’ नीति के साथ अभिसरण पाती है।
बयान में कहा गया है कि जयशंकर और सांगियाम्पोंगसा के बीच बातचीत ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने में योगदान दिया है।
सांगियाम्पोंगसा ने नयी दिल्ली में बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) दूसरे विदेश मंत्रियों के रिट्रीट में भी भाग लिया।