नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को धार्मिक कट्टरपंथी करार दिया है। उन्होंने गुरुवार को नीदरलैंड के समाचार पत्र डे वोल्क्सक्रांत को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुनीर के विचारों और व्यवहार में धार्मिक कट्टरता साफ झलकती है।
जयशंकर ने कहा कि मुनीर यह दिखावा न करें कि वे आतंकवाद से पीड़ित हैं, बल्कि पाकिस्तान सरकार और सेना सीमा पार आतंकवाद में पूरी तरह शामिल है। उन्होंने आसिम मुनीर के उस भाषण का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान के लिए “गले की नस” बताया था और कहा था कि पाकिस्तान के लोग कभी भी हिंदुओं से अलग हैं।
विदेश मंत्री ने बताया कि मुनीर बच्चों को जिन्ना के दो-राष्ट्र सिद्धांत की कहानी सुनाने की वकालत करते हैं ताकि वे समझ सकें कि बंटवारा क्यों हुआ था। इसी घटना के पांच दिन बाद पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसे जयशंकर ने एक “बर्बर कृत्य” करार दिया, जिसका मकसद कश्मीर में टूरिज्म को नुकसान पहुंचाना और धार्मिक विवाद भड़काना था।
भारत-पाकिस्तान के बीच हुई बातचीत से रोकी गई गोलीबारी
जयशंकर ने नीदरलैंड्स की मीडिया को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी रोकने के लिए सीधे बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि भारत ने साफ कर दिया था कि अगर पाकिस्तान गोलीबारी बंद करना चाहता है, तो उसे भारत के जनरल को फोन करना होगा।
उन्होंने कहा कि 10 मई को पाकिस्तान की सेना ने संदेश भेजा कि वे गोलीबारी रोकने के लिए तैयार हैं। इसके बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारी बातचीत करके संघर्ष विराम पर सहमत हुए।
उन्होंने कहा-
“हमारे पास एक हॉटलाइन है जिससे हम सीधे बात कर सकते हैं। 10 मई को पाकिस्तान की सेना ने संदेश भेजा कि वे गोलाबारी रोकने के लिए तैयार हैं। इसके बाद पाकिस्तान और भारत के सैन्य अधिकारी एक-दूसरे से बात करने के बाद संघर्ष विराम पर सहमत हुए।”
अमेरिका की भूमिका पर विदेश मंत्री का बयान
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान अमेरिका समेत कई देशों ने समझौते की कोशिश की थी। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि गोलीबारी रोकने का फैसला भारत और पाकिस्तान की आपसी बातचीत से लिया गया।
जयशंकर ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई बार दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को सुलझाया है, लेकिन इस बार अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बातचीत में भूमिका निभाई थी।