गाजियाबाद। जाट समाज जिला गाजियाबाद के प्रबुद्ध व्यक्तियों की एक पंचायत रविवार को इंदिरापुरम स्थित रॉयल पार्क में आहूत की गई। इस पंचायत में जिलेभर के जाट समाज के महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। इसमें लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विचार विमर्श किया गया और निर्णय लिया गया कि जो लोकसभा का उम्मीदवार जाट समाज की मांगों और मुद्दों पर सहमति देगा और संसद में उठाएगा उसको ही जाट समाज अपना पूर्णरूप से समर्थन देगा।
बैठक में प्रमुख वक्ताओं ने जाट आरक्षण, किसान आंदोलन, पहलवानों का विरोध प्रदर्शन और अग्निवीर जैसे ज्वलंत मुद्दों को रखा। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि भाजपा की मोदी सरकार ने जाट समाज और किसानों को हमेशा छलने का काम किया। दमनकारी नीतियां अपनाकर किसान और खासकर जाट समाज को गर्त में डुबोने का काम किया। हमेशा वादे कर उससे मुकरने का काम किया। लेकिन इस चुनाव में जाट समाज भाजपा के बहकावे में आने वाला नहीं है। वह लोकसभा चुनाव में ऐसे प्रत्याशी को जिताने का काम करेंगे जो इन मुद्दों और मांगों को लेकर सड़क से संसद तक की लड़ाई लड़ेगा। अपने पार्टी के शीर्ष पटल पर उक्त मांगों को रखने के लिए दबाव बनाएगा और भाजपा के प्रत्याशी को हराने में सक्षम होगा।
इस पंचायत में जाट समाज और किसानों के प्रति भाजपा की मोदी सरकार की दमनकारी तथा अन्यायपूर्ण नीतियों और विशेष रूप से जिन घटनाओं के खिलाफ रोष दिखा उसमें हरियाणा में जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान सीधे गोलियों चलाकर 31 युवाओं की निर्मम हत्या कराना, कांग्रेस सरकार द्वारा दिए गए आरक्षण को उचित पैरवी ना करके कोर्ट द्वारा निरस्त करना, किसान आन्दोलन को खत्म करने हेतु किसानो के साथ अमानवीय व्यवहार और किसानों को आतंकवादी, देशद्रोही, नक्सलवादी, बलात्कारी आदि कहना, आंदोलन में शहीद 700 से अधिक किसानों को शहीद का दर्जा न देना, वायदे के अनुसार एमएसपी को कानूनी अधिकार ना बनाना, अग्निवीर योजना लागू करके किसानों के बच्चों को बेरोजगारी में धकेलना, देश का नाम रोशन करने वाली पहलवान बेटियों के साथ किया गया अन्यायपूर्ण बेशर्म कृत्य और पश्चिमी प्रदेश का निर्माण ना करना आदि मांगें प्रमुख रहीं।
इस पंचायत की अध्यक्षता चौधरी सुरेन्द्र सिंह लोर ने की तथा संचालन केपी सिंह दहिया एवं मोहन सांगवान ने किया इस अवसर पर मुख्य रूप से ओमवीर तोमर (पूर्व राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश),कवीन्द्र चौधरी, कर्नल सुधीर, ओमबीर सिंह वीरवाल, वीरेन्द्र सिंह ढाका, प्रवीण मसन्द, यतेन्द्र सिंह तेवतिया, प्रमोद श्योरान, नरेन्द्र राठी, मोहित तोमर, महिपाल सिंह पवार, समरपाल सिंह, लक्ष्मण सिंह मलिक, आरपी सिंह तोमर, सुरेन्द्र सिंह, सतबीर सिंह आदि लोगों के अतिरिक्त लगभग 400 लोग उपस्थित रहे