Tuesday, January 14, 2025

जयंत चौधरी का बड़ा एक्शन, रालोद के सभी प्रवक्ताओं को हटाया,RLD प्रवक्ता ने की थी अमित शाह के बयान की आलोचना

 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोक दल के एक प्रवक्ता द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाबा अंबेडकर पर दिए बयान के बाद रालोद ने अपने सभी प्रवक्ताओं को हटा दिया है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने आज पार्टी के सभी प्रवक्ताओं को एक साथ हटा दिया है। कमल गौतम द्वारा केंद्रीय गृह अमित शाह ने बाबा अंबेडकर के बारे में राज्यसभा में दिए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आपति जाहिर की थी और गृह मंत्री से माफी की मांग की थी।

 

 

बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपनी पार्टी के सभी प्रवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है। पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में इस फैसले की जानकारी दी गई। यह कदम गृहमंत्री अमित शाह के एक विवादित बयान पर RLD के प्रवक्ता द्वारा आलोचना किए जाने के बाद उठाया गया है।

 

 

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में राज्यसभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था”अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” उनके इस बयान पर कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे डॉ. बी.आर. आंबेडकर का अपमान करार दिया। विपक्ष ने गृह मंत्री से माफी मांगने और इस्तीफे की मांग की।

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, RLD के प्रवक्ता कमल गौतम ने गृह मंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा था
“गृह मंत्री का यह बयान अनुचित है। जो लोग बाबा साहब आंबेडकर को भगवान मानते हैं, वो मानते रहेंगे। उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।”

 

 

इस टिप्पणी के बाद, जयंत चौधरी ने पार्टी के सभी प्रवक्ताओं को हटाने का फैसला किया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि प्रवक्ताओं को हटाने का कारण केवल इस बयान पर विवाद है या पार्टी अपनी मीडिया रणनीति में कोई व्यापक बदलाव करना चाहती है।

 

जयंत चौधरी का यह कदम RLD की छवि को विवादों से बचाने और पार्टी के अनुशासन को बनाए रखने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि पार्टी प्रमुख किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत विचारों को पार्टी की आधिकारिक स्थिति से अलग रखना चाहते हैं।

 

अमित शाह के बयान को लेकर विपक्षी दल लगातार हमलावर हैं। कांग्रेस, सपा, और अन्य दलों ने इसे आंबेडकर और उनके विचारों का अपमान बताते हुए केंद्र सरकार को घेरा है। वहीं, RLD के इस आंतरिक फैसले ने भी सियासी हलचल को बढ़ा दिया है।

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