नोएडा- नोएडा मीडिया क्लब के अध्यक्ष पंकज पाराशर की गिरफ्तारी के विरोध में पत्नी ने सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किये है।
नोएडा की पुलिस ने नोएडा मीडिया क्लब के अध्यक्ष और ट्राई सिटी टुडे वेबसाइट के संपादक पंकज पाराशर को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उन पर आरोप है कि कुख्यात गैंगस्टर रवि काना के साथ उनका रिश्ता है, वे उसी के गैंग में शामिल है और रवि काना के जेल में जाने के बाद वही रवि काना गैंग के लिए उगाही कर रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक ये लोग पत्रकारिता की आड़ में गैंग का संचालन कर रहे थे। इनके पास से अवैध रूप से उगाही गई रकम में से 6 लाख 30 हजार रुपए नकद, घटनाओं से संबंधित दो लग्जरी गाड़ियां, गैंग के सरगना रवि काना की 14 गाड़ियों की आरसी की फोटो कॉपी व हस्ताक्षर सहित पर्चा बरामद हुआ है। पुलिस ने इस सभी को अदालत में पेश किया जहाँ से इन्हे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पढ़े पूरी खबर-
पंकज पाराशर की पत्नी अनिका गुप्ता ने उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पति को निर्दोष होने के बावजूद पुलिस कमिश्नर ने रंजिशन फंसाया है। उनका कहना है कि उनके पति को 20 जनवरी की दोपहर में ही पुलिस रास्ते से उठाकर ले गयी थी और देर रात तक भी उन्हें नहीं बताया गया था कि उनके पति कहाँ है ?
इससे पूर्व नोएडा मीडिया क्लब के महामंत्री रिंकू यादव ने भी जिलाधिकारी मनीष वर्मा को पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम संबोधित एक ज्ञापन देकर आरोप लगाया था कि पुलिस कमिश्नर, पंकज पाराशर से निजी खुंदक मान रही हैं जिसके
चलते उनके विरुद्ध फर्जी मुकदमे लिखे जा रहे है। उनका कहना है कि पुलिस कमिश्नर के खिलाफ खबरें छापने और नोएडा में बढ़ रहे अपराधों पर आवाज उठाने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है और पुलिस कमिश्नर पत्रकार मुक्त गौत्तमबुद्धनगर बनाने का अभियान चला रही है। ज्ञापन देते समय रिंकू यादव के साथ राजकुमार चौधरी, निरंकार सिंह, लोकेश कुमार आदि पत्रकार भी साथ थे।
आपको बता दे कि बीजेपी विधायक तेजपाल नागर समेत कई अन्य लोगों ने पिछले दिनों में पंकज पाराशर के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराए थे जिनकी जांच चल रही है और इसी बीच एक और नया मुकदमा लिखा गया है जिसमें पंकज पाराशर की गिरफ्तारी हो गई है। इसी बीच नोएडा और ग्रेटर नोएडा के मीडिया क्लब ने पंकज पाराशर को बर्खास्त कर दिया है। दोनों क्लब का कहना है कि पंकज पाराशर जब अदालत द्वारा निर्दोष साबित कर दिए जायेंगे तभी उनको पुनः सदस्यता दी जा सकेगी।