प्रयागराज। प्रयागराज आई न्यायिक आयोग की टीम ने सर्किट हाउस में डेरा डाल दिया है। वहां किसी के आने-जाने पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। टीम अतीक और अशरफ हत्याकांड की हर एंगल से जांच कर रही है। शनिवार को अतीक व अशरफ की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को सर्किट हाउस में पूछताछ के लिए बुलाया गया।
शुक्रवार को पहुंची पांच सदस्यीय टीम ने धूमनगंज थाना और अस्पताल का निरीक्षण कर बारीकी से छानबीन की। हत्याकांड के दौरान पुलिस की प्रतिक्रिया कैसी थी। इस तरह के कई सवाल टीम ने पुलिस अधिकारियों से भी दागे। स्थानीय पुलिस के साथ ही एसआइटी और फोरेंसिक टीम से भी जानकारी ली। शूटरों के बारे में भी न्यायिक आयोग को पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है।
प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने घटना के पांच दिन बाद जांच की थी। उसी दिन एसआइटी ने क्राइम सीन का रीक्रिएशन किया था। उस पूरे वाकये को इस तरह से दोहराया गया जैसे सब कुछ दोबारा हो रहा हो। साथ में फोरेंसिक टीम ने भी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करते हुए मैपिंग भी की थी। जांच को आगे बढाते हुए टीम ने शुक्रवार को दोबारा जांच की तो यह जानने का प्रयास किया कि इस घटनाक्रम में किसी तरह की क्या लापरवाही रही। अनुमान है कि सब पहलुओं को भी जांच के दायरे में रखा गया है।
बता दें कि, जांच टीम में पहले तीन सदस्य न्यायमूर्ति अरविन्द कुमार त्रिपाठी, सुबेश कुमार सिंह एवं पूर्व जिला जज बृजेश कुमार सोनी थे। लेकिन अब टीम में पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोंसले को अध्यक्ष और पूर्व चीफ जस्टिस झारखंड वीरेन्द्र सिंह को न्यायिक आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है।