प्रयागराज। जनपद हापुड़ में वकीलों पर पुलिस लाठी चार्ज की घटना के विरोध में सोमवार को उत्तर प्रदेश के चार लाख से ज्यादा अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी अदालती काम पूरी तरह से ठप रहा।
जिला अदालतों की बार एसोसिएशन से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट तक के अधिवक्ता न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर वकीलों के उत्पीड़न का विरोध कर रहे हैं। यूपी में अधिवक्ताओं की सबसे बड़ी संस्था यूपी बार काउंसिल और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की रविवार को हुई इमरजेंसी बैठक में एक दिवसीय न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला लिया गया था।
अधिवक्ताओं की मांग है कि हापुड़ में वकीलों पर लाठी चार्ज की घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, इसके साथ ही हाल के दिनों में अधिवक्ताओं की हत्याओं के मामले में भी उचित कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा वकीलों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की भी आंदोलित वकील मांग कर रहे हैं।
यूपी बार काउंसिल और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील हाईकोर्ट के अलग-अलग गेटों पर नारेबाजी कर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह के नेतृत्व में वकीलों ने अदालतों में जाकर अदालतों से काम न करने का अनुरोध किया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लाठी चार्ज की घटना की कड़े शब्दों निंदा की है।
प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने यूपी सरकार से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इसके साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने की भी मांग की है। वकीलों की हड़ताल से मुकदमे की सुनवाई के लिए आए वादकारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने आज लगे मुकदमों में प्रतिकूल आदेश पारित न करने का चीफ जस्टिस से अनुरोध किया है। इससे पहले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच ने हापुड़ की घटना के विरोध में 30 अगस्त को एक दिवसीय न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया था।