कैथल। डीसी प्रीति ने मंगलवार को जिले में विभिन्न स्थानों पर खेतों में पहुंचकर पटवारियों द्वारा की गई रबी की फसल गिरदावरी की जांच की और राजस्व विभाग के अधिकारियों को फसलों की गिरदावरी की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। डीसी प्रीति मंगलवार सुबह सबसे पहले गांव गोबिंदपुरा रकबा में पहुंचीं। जहां उन्होंने मुख्य रास्ते से आगे जाकर फसलों की पटवारी द्वारा की गई गिरदावरी की जांच की। यहां गेहूं, मटर सहित हरे चारे की फसलें उगाई गई थीं। जो रिकॉर्ड में सही पाई गईं।
डीसी ने गांव पीड़ल में पहुंच कर फसल की गिरदावरी का मौके व पटवारी के रिकॉर्ड में मिलान कर जांच की। जो सही पाया गया। यहां गांव के सरपंच सहित मौजिज लोगों से डीसी ने गांव की सार्वजनिक समस्याओं को लेकर भी बातचीत की। इसके बाद डीसी गांव तितरम रकबा में पहुंचीं। जहां उन्होंने खेत में उगाई गई फसल अनुसार रिकॉर्ड में देखकर गिरदावरी की जांच की। इसके बाद डीसी ने गांव चंदाना रकबा में पहुंच कर औचक निरीक्षण किया। जहां उन्होंने एक एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल के लिए पटवारी से रिकॉर्ड में दर्ज फसल का विवरण पूछा। जो सही पाया गया। इसके बाद डीसी ने कलायत व क्षेत्र के गांव पिंजूपुरा में भी इसी प्रकार से फसल की गिरदावरी की जांच की। जो सही पाई गई।
डीसी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में गिरदावरी की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करते हुए रिपोर्ट भेजें। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मौके पर लगाई गई फसल का किला नंबर से मिलान देखा और संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गिरदावरी संबंधी कार्य समय पर पूरा करें और गिरदावरी दर्ज करने के कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अपने निर्देशों में कहा कि उसी फसल का इंद्राज होना चाहिए, जो मौके पर लगाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष दो बार गिरदावरी दर्ज करने की प्रक्रिया संबंधित किसान के खेत पर जाकर की जाए। फर्जी तरीके से पटवारी तथा कानूनगो कार्यालय में बैठकर गिरदावरी की औपचारिकता करने पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि समय-समय पर लोगों द्वारा गिरदावरी से संबंधित समस्याएं उनके ध्यान में लाई जाती हैं और ऐसी किसी भी समस्या की वह व्यक्तिगत तौर पर जांच करें। राजस्व विभाग के अधिकारी रिकार्ड को अपडेट रखें।