बेंगलुरु। कर्नाटक की एक विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गैर-जमानती वारंट जारी करने पर शनिवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
मानहानि का केस कर्नाटक भाजपा के महासचिव केशव प्रसाद ने दर्ज कराया था। फैसला आज ही दोपहर बाद सुनाये जाने की संभावना है। इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया तथा उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार इसी मामले में अदालत के समक्ष उपस्थित हो चुके हैं और उन्हें जमानत मिल गई है। राहुल गांधी भी इस मामले में आरोपी हैं। उन्होंने शपथपत्र देकर कहा था कि वह आज अदालत में उपस्थित होंगे, लेकिन वह नहीं आये। राहुल गांधी के वकील एस.ए. अहमद ने अदालत को बताया कि आज सातवें चरण का मतदान और ‘इंडिया’ ब्लॉक नेताओं की बैठक के कारण वह उपस्थित नहीं हो सके।
उन्होंने आश्वासन दिया कि राहुल गांधी 7 जून को अदालत के समक्ष उपस्थित होंगे। राहुल गांधी के एक और वकील रमेश बाबू ने अदालत से मामले में 7 जून तक आदेश न सुनाने और कांग्रेस सांसद को पेश होने के लिए कोई और तारीख देने का अनुरोध किया। भाजपा के वकील विनोद कुमार ने इसका विरोध किया। उन्होंने अदालत से राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि अदालत के पास उन्हें पेश होने के लिए तीसरा मौका देने का अधिकार नहीं है। राहुल गांधी के वकील अहमद ने कहा कि अदालत के पास पेश होने के लिए समय देने का अधिकार है।
अदालत ने समय देने के अधिकार पर दोनों पक्षों के वकीलों से सवाल किये। उनके तर्क सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। प्रसाद ने मानहानि के केस में आरोप लगाया है कि भाजपा पर सरकारी परियोजनाओं में 40 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाते हुए पूरे पन्ने का विज्ञापन प्रकाशित कर कांग्रेस ने भ्रामक प्रचार किया।