नयी दिल्ली। कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रवीण सूद को रविवार को देश की प्रमुख जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति दो वर्ष के लिए हुयी है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने एक बयान में कहा,“ सूद को दो साल की अवधि के लिए सीबीआई के निदेशक के रूप में नियुक्त करने के लिए मंजूरी दी जाती है।”
सूद वर्तमान सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल के 25 मई को कार्यकाल पूरा करने के बाद पदभार ग्रहण करेंगे।
सूद की नियुक्ति की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और लोकसभा एलओपी अधीर रंजन चौधरी के एक उच्चस्तरीय पैनल द्वारा नए सीबीआई प्रमुख के नाम पर फैसला करने के एक दिन बाद हुई।
रंजन ने सूद की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए एक विस्तृत असहमति नोट इस आधार पर प्रस्तुत किया कि वह केंद्र में डीजीपी स्तर पर सेवा देने के योग्य आईपीएस अधिकारियों के खेमे का हिस्सा नहीं थे।
दिलचस्प बात यह है कि सूद को कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार के क्रोध का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ समय पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को “नालायक” (बेकार) कहा था और उन पर कर्नाटक में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार का पक्ष लेने का आरोप लगाया था।
शिवकुमार ने शिकायत की थी कि महानिदेशक (डीजी) के रूप में सूद के कार्यकाल के दौरान, पुलिस ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ लगभग 25 मामले दर्ज किए थे, और राज्य में भाजपा नेताओं के खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं किया था। राज्य में उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस नेता ने उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी भी दी थी। शिवकुमार कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं।
सूद की नियुक्ति कांग्रेस द्वारा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 224 सदस्यीय राज्य सदन में 135 सीटों पर भारी जीत दर्ज करने के एक दिन बाद हुई है। वह शीर्ष पद की दौड़ में सबसे आगे थे।
वह आईआईटी दिल्ली से स्नातक हैं। वह वर्ष 1986 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए। उन्होंने वर्ष1989 में मैसूरु एएसपी के रूप में अपना करियर शुरू करते हुए बल्लारी और रायचूर एसपी के रूप में कार्य किया। उन्हें बाद में डीसीपी (कानून और व्यवस्था) के रूप में बेंगलुरु शहर में तैनात किया गया।