Wednesday, December 11, 2024

खाप हमारी सभ्यता की गहराई का प्रतीक है: धनखड़

नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि खाप संस्कृति ‘हमारी सभ्यता की गहराई का प्रतीक है’ और “इक्की दुक्की” घटनाओं से इनका आकलन नहीं किया जा सकता।

धनखड़ ने हरियाणा के फरीदाबाद में कहा कि खाप की भूमिका सकारात्मक है और इक्की दुक्की घटनाओं से इनका मूल्यांकन नहीं किया जा सकता।

उप राष्ट्रपति ने हरियाणा सरकार की नौ वर्षों की उपलब्धियों पर पुस्तक का विमोचन करते हुए हरियाणा के अखाड़ों और गुरुओं की बहुत प्रशंसा की। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहरलाल, हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

धनखड़ ने कहा कि इन अखाड़ों का गौरवशाली इतिहास रहा है। युवकों में नशा करने की प्रवृति से मुक्ति की दिशा में हरियाणा के अखाड़े बेहतरीन काम कर रहे हैं।

अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर उपराष्ट्रपति ने कहा,“बाईस जनवरी को हमारी पांच सौ साल की पीड़ा खत्म हो गई और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यह सबकानून की प्रक्रिया का पालन करते हुए हुआ। राम हमारे संविधान में मौजूद हैं। हमारे संविधान की मूल प्रति में 22 चित्र हैं और मौलिक अधिकारों से संबंधित भाग में राम, लक्ष्मण और सीता का चित्र है। जिसमें वे अयोध्या वापस आ रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि राज्य के नीति निदेशक तत्वों वाले भाग में भगवान श्री कृष्ण – अर्जुन को उपदेश दे रहे हैं। श्री धनखड़ ने कहा कि इन 22 चित्रों में 5000 साल की हमारी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया है।

हरियाणा सरकार की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा ने सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया को ईमानदार और पारदर्शी बनाकर एक उदाहरण पेश किया है।एक समय था, जब आम बालक-बालिका को लगता था कि योग्यता से नौकरी नहीं मिलेगी, कोई दूसरा रास्ता अपनाना पड़ेगा।लेकिन दशकों की ये संस्कृति बदली है और यह काम आसान नहीं था और आज हरियाणा प्रांत इस मामले में देश में आदर्श है।

हरियाणा को बहुत उन्नतशील राज्य बताते हुए उन्होंने कहा कि गुरुग्राम भारत को पूरे विश्व के सामने रख रहा है और गुरुग्राम का कॉरपोरेट सेक्टर मुंबई की बराबरी कर रहा है।

उपराष्ट्रपति ने कहा,“ भारत का अमृत काल आज गौरव काल है, हमारा कर्तव्य काल है और यह वह कालखंड है जिसमें भारत की वह मजबूत नींव रखी जा रही है जो सुनिश्चित करेगी की 2047 का भारत विकसित भारत होगा और सबसे ऊपर होगा। पहले भारत में घोटालों के समाचार आते थे और विश्व में हमारी अर्थव्यवस्था की स्थित चिंताजनक मानी जाती थी। आज हम दुनिया की पांचवी बड़ी महाशक्ति हैं और आने वाले 2-3 साल में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी महाशक्ति होगा।”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार विकास का सबसे बड़ा दुश्मन है, और यह प्रतिभा को आगे नहीं बढ़ने देता। एक ऐसा समय था जब बिना एजेंट और दलालों के सरकार में कोई काम संभव ही नहीं था, लेकिन आज सत्ता के गलियारों से भ्रष्टाचारी तत्व बिल्कुल समाप्त कर दिये गये है।

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