मुजफ्फरनगर- निकाय चुनाव में कस्बों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार पर कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों का गुस्सा खुलकर सामने आने लगा है। खतौली में तीसरे स्थान पर रहकर पराजित होने वाले भाजपा प्रत्याशी ने एक पूर्व जिलाध्यक्ष और पार्टी के बागी पूर्व चेयरमैन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि मंत्री के कहने पर उन्होंने पूर्व जिलाध्यक्ष को मनाने की कोशिश की, उन्हें ‘लिफाफा’ भी दिया ,लेकिन उसके बावजूद भी पूर्व जिलाध्यक्ष ने उनका जमकर विरोध किया और पुलिस प्रशासन को भी भाजपा के खिलाफ काम करने के लिए बाध्य किया ।
खतौली नगर पालिका चुनाव में भाजपा के नगर पालिका अध्यक्ष पद के प्रत्याशी उमेश कुमार और वार्ड सभासद पद के प्रत्याशियों ने अपनी हार का जिम्मेदार पूर्व चेयरमैन पारस जैन व पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष को बताया है। नगर मंडल अध्यक्ष अमित जैन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पार्टी के पालिकाध्यक्ष पद के अधिकृत प्रत्याशी उमेश
कुमार और वार्ड सभासद प्रत्याशियों को मिली हार पर मंथन किया गया। हार की समीक्षा करने को आपस में सिर जोड़कर बैठे भाजपाइयों ने निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशी उमेश कुमार की हार का ठीकरा पूर्व चेयरमैन पारस जैन और पूर्व जिलाध्यक्ष के सिर फोड़ा है ।
बैठक में बीजेपी नेताओं ने कहा कि पारस जैन के बरगलाने पर पूर्व जिलाध्यक्ष ने पार्टी प्रत्याशी उमेश कुमार को हराने के लिए रात दिन कार्य किया। उनका आरोप है कि पूर्व जिलाध्यक्ष ने अपनी पार्टी के प्रत्याशी उमेश कुमार को हराने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने तक का काम किया है। पूर्व जिलाध्यक्ष की शह पर पारस जैन ने भाजपा के पालिकाध्यक्ष प्रत्याशी के अलावा पार्टी सिंबल पर वार्ड सभासद का चुनाव लड़ रहे पार्टी प्रत्याशियों के सामने भी अपने समर्थकों को चुनाव चिन्ह ‘उगता सूरज’ लेकर इन्हें हराने का काम किया।
उमेश कुमार ने आरोप लगाया कि पारस जैन ने पूर्व जिलाध्यक्ष के साथ मिलकर सैनी, प्रजापति, जैन, पंजाबी, वैश्य, ठाकुर, वाल्मीकि, वैश्य समाज के प्रत्याशियों को हराने के लिए भाजपा के खिलाफ प्रचार-प्रसार किया। पार्टी प्रत्याशियों को हराने के लिए भीतरघात करने वालों के नामों से पार्टी आलाकमान को अवगत कराकर इनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग की जायेगी। उन्होंने अपनी पूरी शिकायत पार्टी आलाकमान को लिखकर भेज दी है।
पार्टी प्रत्याशी उमेश कुमार ने बताया कि पार्टी ने अपनी जातीय समरसता वाले विचार की प्रतिबद्धता के चलते वार्ड सभासद के लिए ठाकुर समाज से एक, पंजाबी समाज से दो, प्रजापति समाज से एक, ब्राह्मण समाज से एक, सैनी समाज से दो, जैन समाज से दो, वाल्मीकि समाज से एक को प्रत्याशी बनाया था लेकिन पूर्व जिलाध्यक्ष ने अपनी काली करतूत के चलते इन सभी समाज के प्रत्याशियों को हराने के लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए जयचंद बने पूर्व जिलाध्यक्ष की करतूत से इन समाज के लोगो में भारी रोष व्याप्त है।
उमेश कुमार ने ‘रॉयल बुलेटिन’ से वार्ता में खुला आरोप लगाया कि पूर्व जिलाध्यक्ष को मंत्री का खुला संरक्षण प्राप्त है और मंत्री उन्हें फिर जिलाध्यक्ष भी बनवाना चाहते हैं लेकिन उन्होंने चुनाव में पार्टी का खुलकर विरोध किया है, जिसके बारे में प्रदेश अध्यक्ष और पश्चिमी यूपी अध्यक्ष को लिखित रूप से अवगत करा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि मंत्री ने उन्हें बार-बार फोन किया, जिसके बाद वे पूर्व जिलाध्यक्ष को मनाने उनके घर भी गए थे और उन्हें चुनाव में सहयोग करने के लिए एक ‘लिफाफा’ भी दिया, उनका आरोप है कि उसके बावजूद भी पूर्व जिलाध्यक्ष ने उनका विरोध किया। उमेश की नाराजगी है कि मंत्री समेत पार्टी के सभी जिम्मेदारों ने उनको टिकट देने के बाद अधर में छोड़ दिया और पुलिस प्रशासन पर भी पारस जैन के समर्थन के लिए दबाव बनाया।
बैठक में मुख्य रूप से भरतेश शर्मा, मनोज सहरावत, मोनू मंगवानी, कमल वर्मा, विनोद राजपूत, संदीप रोधिया, ऋषभ जैन अरिहंत, राजेंद्र जैन टुन टुन, सर्वेश प्रजापति, अविंत गोयल, रजनी सैनी, अमित वाल्मीकि, मनोज सैनी, विमल चौहान आदि उपस्थित रहे।