नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि देश का पूर्वोत्तर रीजन तेजी से आगे बढ़ रहा है और जल्द ही देश के बड़े आर्थिक हब के रूप में विकसित होगा। राष्ट्रीय राजधानी में समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में इन्फ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म, हाइड्रोपावर और अन्य क्षेत्रों में फोकस कर रही है। इससे सभी सेक्टर रीजन में तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में राइजिंग नॉर्थईस्ट इंवेस्टर समिट एक बहुत अहम कदम है। इससे पूर्वोत्तर को देश के बड़े आर्थिक हब के रूप में विकसित होने में मदद मिलेगी।” पूर्वोत्तर की दिल्ली से दूरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एक पुरानी सोच है। भारत की एक्ट ईस्ट नीति के कारण पूर्वोत्तर आज के समय में साउथ ईस्ट एशियन देशों का गेटवे बन गया है। उन्होंने आगे कहा, ”ट्रेड, कल्चर और टूरिज्म के साथ हर क्षेत्र में पूर्वोत्तर तेजी से आगे बढ़ रहा है।” केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने रेलवे, हाईवे और जलमार्ग के जरिए पूर्वोत्तर को देश से जोड़ने का काम किया है। हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट नॉर्थ ईस्ट के डीएनए में है और इससे रोजगार के बड़े अवसर पैदा हो रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि आज तक किसी भी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टर मीट नहीं रखा, लेकिन मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। इसके साथ उन्होंने पूर्वोत्तर को गेटवे ऑफ ट्रेड के साथ गेटवे ऑफ डेवलपमेंट भी बताया। राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट पर नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा, “यह एक अच्छा और सही दिशा में उठाया गया कदम है। प्रधानमंत्री मोदी के विजन और सपोर्ट के कारण यह संभव हो पाया है।” उन्होंने रोजगार के सवाल पर आगे कहा, “हमारी सरकार 2030 तक नागालैंड के 5,00,000 युवाओं को रोजगार देने के प्लान पर काम कर रही है।”