मुजफ्फरनगर। गांव सिकंदरपुर के निवासियों के लिए शुक्रवार का दिन एक ऐतिहासिक उपलब्धि लेकर आया, जब हिंडन नदी पर अस्थायी पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। आज़ादी के 75 वर्षों बाद यह पहली बार है जब ग्रामीणों को पानी में उतरकर आवागमन करने की मजबूरी से राहत मिलने की उम्मीद जगी है। यह कार्यभार भारतीय किसान यूनियन के नेता एवं जिला पंचायत सदस्य विकास शर्मा की अगुवाई में शुरू हुआ है, जिनके लंबे संघर्ष ने प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाने के लिए विवश कर दिया।
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विकास शर्मा ने दो वर्षों तक इस मुद्दे को उठाते हुए कई बार धरने-प्रदर्शन किए। एक प्रदर्शन में उन्होंने 18 घंटे तक नदी के पानी में खड़े रहकर अपनी आवाज़ बुलंद की थी, जिससे शासन-प्रशासन का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर गया। ग्रामीणों के सहयोग से यह अस्थायी पुल तब तक उपयोग में रहेगा जब तक शासन द्वारा प्रस्तावित स्थायी पुल का निर्माण नहीं हो जाता।
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इससे पहले भी गांव के लोग कई बार प्रदर्शन, पैदल मार्च और ज्ञापन देकर शासन-प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग करते रहे हैं। शासन को स्थायी पुल के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है, लेकिन प्रक्रिया लंबी होने के कारण गांव के प्रधान हैदर राजा, मोहम्मद राजा सहित अन्य ग्रामीणों ने आपसी सहमति से अस्थायी पुल निर्माण का निर्णय लिया।
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इस मौके पर गांव में खुशी की लहर देखने को मिली। पुल निर्माण स्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हुए और इसे आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा परिवर्तन बताया। स्थानीय ग्रामीणों ने इसे अपने जीवन की दिशा बदल देने वाला पल कहा।
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उपस्थित प्रमुख ग्रामीणों में राजेंद्र भगत, तालिब हुसैन, आनंदपाल, मगता, सहेंडर कुमार, महिपाल, बबलू सिंह, सुनील कुमार, आबिद राणा, गौरव पाल, सुनील बंजारा, लकी बंजारा सहित कई लोग शामिल रहे। विकास शर्मा ने स्पष्ट किया, “हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक गांव को स्थायी पुल की सुविधा नहीं मिल जाती। यह अस्थायी पुल ग्रामीणों की तत्काल जरूरत को देखते हुए एक आवश्यक कदम है।”