Wednesday, May 8, 2024

मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार को झटका, कुकी पीपुल्स एलायंस ने एनडीए से तोड़ा नाता

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नई दिल्ली। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच एन. बीरेन सरकार को झटका लगा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दल कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) ने राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।

कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) ने रविवार (6 अगस्त) को राज्यपाल अनुसुइया उइके को पत्र लिखकर भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की है। केपीए प्रमुख टोंगमांग हाओकिप ने पत्र में कहा है कि मौजूदा टकराव पर लंबा विचार करने के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के लिए समर्थन जारी रखने का अब कोई मतलब नहीं है। केपीए के पास दो विधायक (सैकुल से के.एच. हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग) हैं।

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बतादें कि बीते 04 मई 2023 को मणिपुर में मैतई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में निकाली गई रैली के दौरान भड़की हिंसा अब तक थमी नहीं है। आए दिन अक्सर हिंसा और गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं। हिंसा की इन घटनाओं को लेकर एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को देशभर में विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

केपीए के वरिष्ठ नेता डब्ल्यूएल हैंगशिंग ने  बताया कि पार्टी ने ईमेल के जरिए राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भेजा है।

भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साझेदार के रूप में केपीए के नेताओं ने 18 जुलाई को दिल्ली में आयोजित एनडीए की बैठक में भाग लिया था। हालांकि, केपीए के दो विधायकों किम्नेओ हैंगशिंग और चिनलुनथांग द्वारा समर्थन वापस लिए जाने से मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

60 सदस्यीय विधानसभा में केपीए के 2 विधायक हैं। जबकि भाजपा के 32 विधायक हैं। इन्हें एनपीएफ के पांच और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं विपक्षी विधायकों में एनपीपी के सात, कांग्रेस से पांच और जेडीयू से छह विधायक हैं।

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