मुजफ्फरनगर। गत दिनों थाना खतौली क्षेत्र में हुए कुलदीप उर्फ़ दीपक हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने करते हुए दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। पुलिस टीम ने हत्यारोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त किए गए आला कत्ल बरामद किए।
गिरफ्तार किए गए हत्यारोपियों की पहचान गुलाब पुत्र नेम सिंह निवासी गांव शाहपुर थाना खतौली व अभिषेक पुत्र राजकुमार सिंह निवासी गांव बेलडा थाना भोपा जिला मुजफ्फरनगर के रुप में हुई है।
रविवार को पुलिस लाइन सभागार में पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कुलदीप ऊर्फ दीपक हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि गत दस मार्च को पीडि़ता बबीता पत्नि सुभाष निवासी गांव शाहपुर थाना खतौली ने लिखित तहरीर देकर अवगत कराया कि उनका पुत्र कुलदीप उर्फ दीपक घर से गया था, जो वापस नहीं आया है। तहरीर के आधार पर खतौली थाना पुलिस गुमशुदगी दर्ज करते हुए कुलदीप उर्फ दीपक की बरामदगी के प्रयास में जुट गई।
दो दिन बाद 12 मार्च को गांव शाहपुर में एक बिटौडे में कुलदीप उर्फ दीपक का जली अवस्था में शव मिला, जिसकी शिनाख्त उनकी बबिता माता द्वारा की गयी। हत्याकांड का जल्द खुलासा करने एवं आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए क्षेत्राधिकारी खतौली द्वारा टीम का गठन किया गया। वही गठित की गई टीम द्वारा रविवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस टीम ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के कब्जे से मोटरसाइकिल, मोबाइल, चाकू, हथौड़ा, एक मोटा पत्थर इसके अलावा मृतक कुलदीप का मोबाइल बरामद किया। गिरफ्तार हत्यारोपी गुलाब ने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान बताया कि गत 9 मार्च को मेरी शादी होने के कारण कुलदीप उर्फ दीपक से ब्याज पर 25,000 रुपए लिए थे।
हत्यारोपी गुलाब ने बताया कि ब्याज पर रुपए देने के बाद कुलदीप उर्फ दीपक बार-बार ब्याज सहित अपने रुपयों के वापस लेने के लिए दबाव बना रहा था, मगर एक साथ मेरे पास 25,000 रुपए इकट्ठा ना होने के कारण काफी परेशान हो गया था। समय पर पैसे न देने के कारण कुलदीप उर्फ दीपक द्वारा बहुत ही बुरा भला कहते हुए गाली-गलौज भी की गई थी।
उन्होंने बताया कि कुलदीप ने मुझे धमकी भी दी कि मेरे पैसे ब्याज सहित लौटा दे नहीं, तो तुझे जान से मार दूंगा। इससे मुझे अपनी बेइज्जती महसूस हुई तथा अपनी शादी के बाद मैने अपने दोस्त अभिषेक के साथ कुलदीप को मारने की योजना बनायी।
बताया गया कि गत दस मार्च को शादी की दावत देने के लिए गांव से बाहर बुलाया तथा साथ में बैठकर बीयर पी। बताया गया कि नशा होने के बाद अंधेरे का फायदा उठाकर मैने व मेरे दोस्त अभिषेक ने कुलदीप के सिर पर हथौड़े व मोटे पत्थर से वार किये तथा छुरे से कुलदीप की गर्दन पर दो, तीन वार किये, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। कुलदीप उर्फ दीपक की मृत्यु हो जाने के बाद हम दोनों घबरा गए और पास में खड़े एक बिटोड़े में हम लोगों ने कुलदीप के शव को छुपा दिया। उसने बताया कि 11 व 12 मार्च की रात्रि में करीब 2 बजे हम दोनों द्वारा सबूत मिटाने के उद्देश्य से अपनी मोटरसाइकिल से पेट्रोल निकालकर जिस बिटोडे में कुलदीप को छुपाया था, उस बिटोडे को आग लगा दी।