नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आशीष मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करेगा, जो 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अंतरिम जमानत पर हैं।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित कॉजलिस्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले पर 12 फरवरी को सुनवाई करेगी।
सितंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे को इस तथ्य पर विचार करते हुए दिल्ली में रहने की अनुमति दी कि आशीष मिश्रा की मां राष्ट्रीय राजधानी के एक अस्पताल में भर्ती हैं, और उनकी बेटी को भी चिकित्सा उपचार की जरूरत है।
हालांकि, इसने मिश्रा से दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक समारोह में भाग नहीं लेने या किसी भी विचाराधीन मुद्दे के संबंध में मीडिया से बातचीत नहीं करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जनवरी में मिश्रा को अंतरिम जमानत देते हुए कई शर्तें लगाई थीं।
अदालत ने फैसला सुनाया था कि आशीष मिश्रा को अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश (यूपी) छोड़ना होगा। वह यूपी या दिल्ली/एनसीआर में नहीं रह सकते। उन्हें अदालत को अपने स्थान के बारे में सूचित करना होगा और उनके परिवार के सदस्यों या स्वयं मिश्रा द्वारा गवाहों को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास से उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी।
अदालत ने कहा कि मिश्रा को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। मुकदमे की कार्यवाही में शामिल होने के अलावा वह यूपी में प्रवेश नहीं करेंगे। अभियोजन पक्ष, एसआईटी, मुखबिर या अपराध के पीड़ितों के परिवार का कोई भी सदस्य अंतरिम जमानत की रियायत के दुरुपयोग की किसी भी घटना के बारे में शीर्ष अदालत को तुरंत सूचित करने के लिए स्वतंत्र होगा।
अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में उस समय हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई, जब किसान इलाके में यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। यूपी पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे।