Wednesday, February 5, 2025

मेरठ में 10 हजार की रिश्वत लेता लेखपाल और उसका सहायक रंगे हाथ गिरफ्तार

मेरठ। मेरठ में एंटी करप्शन की टीम ने तहसील मवाना में लेखपाल और उसके निजी सहयोगी को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। लेखपाल जलालपुर जोरा निवासी दो किसानों से खेत की पैमाइश कराने के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। टीम थाने ले आई और पूछताछ में लगी है।

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मवाना तहसील के चकबंदी विभाग से राजस्व विभाग में मर्ज हुए लेखपाल मुकम्मिल पुत्र मुज्जमिल निवासी बझेड़ा, थाना धौलाना जनपद हापुड़ तीन माह से जलालपुर जोरा पर तैनात था। उक्त गांव के ही वीरपाल व मनोज के खसरा संख्या 430 में दस-दस बीघे के कृ़षि पट्टे हैं। करीब दो माह पूर्व लेखपाल मुकम्मिल द्वारा पैमाइश कर उक्त दोनों किसानों की दस बीघा जमीन पड़ोसी गांव मिर्जापुर निवासी विनोद व अन्नू को दे दी।

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जिसका उक्त लोगों ने विरोध करते हुए पैमाइश गलत बताते हुए उक्त लोगों की जौत की जमीन नाले में बताई। मामले की तत्कालीन एसडीएम अंकित कुमार व तत्कालीन डीएम दीपक मीणा से की। आरोप है कि मामले में दो माह तक कोई सुनवाई नहीं हुई, जबकि लेखपाल पैमाइश के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

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मामले की शिकायत एंटी करप्शन विभाग मेरठ से की गई। जिस पर बुधवार को एंटी करप्शन की सीओ अर्चना सिंह की अगुवाई में इस्पेक्टर कैलाश, दारोगा केपी सिंह, राहुल समेत 20 लोगों की टीम ने सुबह से तहसील में जाल बिछा लिया। दोपहर के समय लगभग पौने दो बजे पीड़ित किसान और मनोज ने टीम के हस्ताक्षर युक्त 500-500 के 20 नोट यानी दस हजार रुपये चकबंदी दफ्तर जाकर लेखपाल मुकम्मिल को दिए, लेकिन उसने शक दिखाते हुए उक्त रकम सहयोगी गौरव उर्फ गोल्डी पुत्र अमरवीर निवासी बढ़ला, थाना परीक्षितगढ़ को दिला दी।

 

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वह टॉयलेट में गिनने गया तो इसी बीच टीम ने घेरीबंदी कर लेखपाल व सहयोगी को रकम के साथ दबोच लिया। थाने लाकर घंटों पूछताछ की और दोनों आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। वहीं, लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद एसडीएम प्रतीक्षा सिंह ने फोन ही रिसीवी नहीं किया। वहीं तहसीलदार रणविजय सिंह भी मेरठ मुख्यालय की बात कहकर उक्त मामले से पल्ला झाड़ते रहे।

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