मुजफ्फरनगर। जनपद में बाल विवाह जैसी प्रथा समाज के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। पुरकाजी थाना क्षेत्र के एक गांव में ऐसी ही एक घटना सामने आई है। पुरकाजी क्षेत्र के गांव भैसानी में 13 साल की नाबालिग लड़की का विवाह कराया जा रहा था। उसे रोकने में ज़िले का पूरा सिस्टम फेल हो गया है।
बताया जाता है कि इस बाल विवाह की इसकी सूचना 1098 पर दी गई, तो पुलिस के साथ चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्य मौके पर पहुंचे और बालिका को रेस्क्यू कर थाने लाया गया । यहां कुछ ही देर में बालिका के स्वजन और अन्य ग्रामीण भी
पहुंच गए। इसके बाद ग्राम प्रधान नीलम त्यागी के पति नवीन त्यागी ने प्रधान के लैटरहेड पर लिखकर दिया कि अब स्वजन बाल विवाह नहीं करेंगे। इस पर गांव के ही पांच लोगों के हस्ताक्षर भी कराए गए, जिसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने बालिका को उसके स्वजनों के साथ भेज दिया।
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इस मामले में मां ने स्वीकार किया कि घर जाने के बाद बालिका को वरमाला पहनाकर ससुराल भेज दिया गया। इस घटना की जानकारी एनजीओ ग्रामीण समाज विकास केंद्र के जिला समन्वयक गौरव मलिक को मिली, जिन्होंने बालिका के गांव पहुंच कर जांच की और मामला सही पाया। बालिका की मां ने कबूल किया कि हां, बालिका की शादी की गई, जिसके बाद उन्होंने बाल कल्याण समिति को जानकारी दी।
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जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार और चाइल्ड लाइन के प्रभारी सचिन कुमार ने मामले की जानकारी होने से इंकार कर दिया। ग्राम प्रधान पति नवीन त्यागी ने बताया कि उन्होंने बाल विवाह रुकवाया था, लेकिन बाद में उन्हें जानकारी नहीं है।
बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन रीना पंवार ने कहा कि उन्हें ई-मेल मिली है और चाइल्ड हेल्पलाइन को बालिका को वन स्टाप सेंटर और बाल कल्याण समिति के सामने पेश करना था, जो नहीं किया गया। इसके लिए संबंधित थाने और एसएसपी को भी लेटर भेजा जाएगा।