चुपके से सताने वाला डर: सोशल एंग्जायटी की पहचान जरूरी, अपनाएं ये आसान उपाय
नई दिल्ली। पार्टी, ऑफिस मीटिंग या बाजार जाना हो, अचानक घबराहट के साथ तेज धड़कन और हाथ-पैरों में पसीने के साथ दिमाग में एक ही बात घूमने लगना। अगर ऐसा आपके साथ भी होता है तो आप अकेले नहीं हैं। इसे सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर कहते हैं, जो लोगों को से सताता है।
नकारात्मक विचारों को मन में न आने दें:- खुद को सकारात्मक रखें और खुद से पूछें, “सबसे बुरा क्या हो सकता है? और 5 साल बाद क्या फर्क पड़ेगा?” ध्यान और आसन करें: रोजाना कम से कम 5-10 मिनट माइंडफुलनेस मेडिटेशन करें, वर्तमान में रहने की प्रैक्टिस करें, रोज 30 मिनट टहलें, योग करें, 7-8 घंटे की नींद लें, और चाय-कॉफी का सेवन कम करें। इसके साथ ही अपने दोस्त या परिवार से अपनी बात शेयर करें, अकेले न रहें। लाखों लोग सोशल एंग्जायटी से पूरी तरह उबर चुके हैं। अगर बात हाथ से बाहर हो जाए तो मनोचिकित्सक या काउंसलर से मदद लें। सलाह के अनुसार सीबीटी थेरेपी लें; यह समस्या में बेहद कारगर है।
