लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को कहा कि अब काशी में भी हर-हर महादेव होंगे। एक तरफ रामलला विराजमान हो गए तो दूसरा ये हो रहा है और तीसरा 2025 में प्रयागराज में कुम्भ की तैयारी है। उससे पहले 2024 में लोकतंत्र के महापर्व की तैयारी है। यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा पर्व है। इस बार चुनाव के बाद पांच वर्ष नहीं, देश 100 वर्ष आगे जाएगा।
यह बातें शनिवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने श्रीराम दरबार कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी में पहले जहां व्यास जी का तहखाना था वहां लोग दर्शन करते थे, लेकिन 1993 में उसे बंद कर दिया गया। आज पूजा-अर्चना होते देख मन आनंदित है। देश-प्रदेश में निष्पक्षता से काम करने वाली डबल इंजन की सरकार है। 1993 में समाजवादी पार्टी की सरकार में जो हुआ था 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद हम लोग कर सकते थे, लेकिन हमने वो काम नहीं किया। इसके लिए शिवभक्त वादकारियों ने न्यायालय की शरण ली और न्यायालय के आदेश के क्रम में आज व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना शुरू हो गई है। यह ऐतिहासिक घटना है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से चौड़ा हुआ सीना
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने शनिवार को कहा कि राम मंदिर के ताला खुलवाने से लेकर मंदिर निर्माण तक उस आंदोलन का हिस्सा रहना मेरे लिए गौरव का विषय है। मंदिर निर्माण के लिए एक फरवरी 1986 और 09 नवम्बर 1989 फिर 30 अक्टूबर 1990, दो नवम्बर 1990, छह दिसम्बर 1992 कारसेवा। कारसेवा के बाद 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ देश के विद्वानों की उपस्थिति में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य-दिव्य श्रीराम मंदिर के मूल गर्भगृह में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ा होने के नाते सीना चौड़ा हो गया। यह एक बड़ी लडाई थी, उस पर जीत मिली है।
श्री गुरु वशिष्ठ न्यास और श्रीराम दरबार नाम में समाया है पूरा संसार
श्री गुरू वशिष्ठ न्यास की ओर से शनिवार को वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिता: ‘हम पुरोहित राष्ट्र को सदैव जीवंत और जाग्रत बनाए रखेंगे’ पर आधारित श्रीराम दरबार कार्यक्रम का शानदार आगाज किया गया। उप मुख्यमंत्री ने होटल सेंट्रम सुशांत गोल्फ सिटी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम की प्रशंसा की। कहाकि श्री गुरु वशिष्ठ न्यास और श्रीराम दरबार नाम में पूरा संसार समाया है।
ज्ञान गंगा से किया अभिसिंचित
श्रीराम दरबार कार्यक्रम के वक्ता आनंद रंगनाथन, मिथिलेशनंदिनी शरण, कपिल मिश्रा, विष्णु शंकर जैन, हर्षवर्धन त्रिपाठी, अशोक श्रीवास्तव, प्रफुल्ल केसकर, ऋचा अनिरूद्ध, रंजीत सावरकर, अनंत विजय, शैफाली वैद्य, राजकिशोर, सौरभ मालवीय, शान्तनु गुप्ता, रमनीक मान, वैभव सिंह, तुषार गुप्ता, प्रदीप भंडारी, मनीष शुक्ला, अमी गनात्रा, प्रखर श्रीवास्तव, विवेक कौशिक, स्वाती गोयल शर्मा, डॉ. मनोज कुमार, पंकज सक्सेना, निरवा मेहता, राजीव रंजन वक्ता दो दिवसीय विचारोत्सव में अपने-अपने विचार रखेंगे। पहले दिन शनिवार को वक्ताओं ने ज्ञान गंगा से श्रीराम दरबार कार्यक्रम को अभिसिंचित किया।